भारत को अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने और दुश्मन के किसी भी मिसाइल हमले को रोकने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी मिली है. DRDO ने इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल टेस्ट किया है. ये इंटरसेप्टर मिसाइल हवा में ही दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराएगी. इस मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के बालासोर में किया गया. इसके लिए 10 गांवों को खाली कराया गया था और 10 हजार से ज्यादा लोगों को अस्थाई तौर पर शिफ्ट किया गया था.
कैसे हुआ इंटरसेप्टर मिसाइल का टेस्ट-
DRDO ने इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया. दो पार्टी में मिसाइल की टेस्टिंग हुई. सबसे पहले डीआरडीओ ने शाम 4 बजकर 20 मिनट पर ओडिशा के बालासोर के अब्दुल कलाम आइलैंड से पृथ्वी-2 न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल (Prithvi-2 Nuclear Ballistic Missile) लॉन्च किया. जिसे जमीन और समंदर में तैनात रडार ने इंटरसेप्ट किया. इसके बाद एडी इंटरसेप्टर सिस्टम को एक्टिवेट किया गया. शाम 4 बजकर 24 मिनट पर इंटरसेप्टर मिसाइल AD-1 को लॉन्च किया गया. इंटरसेप्टर मिसाइल ने हवा में ही पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल को तबाह कर दिया. इस तरह से इंटरसेप्टर मिसाइल ने अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगाया.
क्या होता है इंटरसेप्टर मिसाइल-
इंटरसेप्टर मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाला एक बैलिस्टिक रोधी मिसाइल है, जो किसी भी देश से छोड़े गए मध्यम दूरी और अंतर महाद्वीप बैलिस्टिक मिसाइल से मुकाबला करने के लिए बनाया गया है.
डीआरडीओ ने जिस AD-1 मिसाइल का टेस्ट किया, वह समुद्र आधारित एंडो-एटमौसफेयरिक बीएमडी इंटरसेप्टर मिसाइल है. यह दुश्मन देश से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही तबाह कर देगी. इस इंटरसेप्टर मिसाइल के दो वैरिएंट्स AD-1 और AD-2 हैं.
IRBM मिसाइलों को तबाह करेगी इंटरसेप्टर मिसाइल-
AD-1 और AD-2 इंटरसेप्टर मिसाइल 5000 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलों को मार गिरा सकती है. मिसाइल की स्पीड 5367 किलोमीटर प्रति घंटे है. ये मिसाइल अमेरिका के THAAD मिसाइल जैसी है. एडी इंटरसेप्टर मिसाइल अपनी जमीन से 3000 किलोमीटर दूर ही दुश्मन की मिसाइल को नष्ट कर देगी. इस मिसाइल को IRBM मिसाइलों को तबाह करने के लिए बनाया गया है. आपको बता दें कि आईआरबीएम मिसाइलों की रेंज 3 से 5 हजार किलोमीटर होती है.
AD-2 लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है. इसे बैलिस्टिक मिसाइल के साथ लो एक्सो-एटमॉस्फेयरिक और एंडो-एटमॉस्फेयरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिए डिजाइन कियाग या है. यह मिसाइल कंट्रोल सिस्टम, नेविगेशन और गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है.
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