जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है बढ़ रही है वैसे-वैसे लोगों का काम आसान होता जा रहा है. किसानों को भी इसका खूब फायदा मिल रहा है. अब इसी कड़ी में काकतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस-वारंगल (KITS-W) ने एक चालक रहित ऑटोमेटेड ट्रैक्टर का अनावरण किया है. इसके आ जाने से कृषि में एक बड़ा बदलाव आ सकता है. कैंपस में पांचवीं बार इस ट्रैक्टर का सफल परीक्षण किया गया.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, KITS-W, प्रिंसिपल प्रो के अशोक रेड्डी के मार्गदर्शन में, इसे बनाने के लिए 40 लाख का शोध अनुदान मिला था. KITS-W में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (CSE) के अस्सिस्टेंट प्रोफेसर मोहम्मद शरफुद्दीन वसीम ने CSE विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पी निरंजन रेड्डी और CSE नेटवर्क में विशेषज्ञता वाले एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एस नरसिम्हा रेड्डी के साथ इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया.
लोग कर रहे हैं तारीफ
इस ट्रैक्टर को देखकर कई लोगों ने तारीफ की. इन कई लोगों में आईटी और उद्योग मंत्री के टी रामा राव का नाम भी शामिल है. उन्होंने अपने ट्विटर पर प्रोजेक्ट के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की. उन्होंने लिखा, "KITS-W में टीम द्वारा विकसित ड्राइवरलेस ऑटोमेटेड ट्रैक्टर से प्रभावित हूं. यह खेती का भविष्य है और मैं युवा इनोवेटर्स से आग्रह करता हूं वे ऐसे नए-नए इनोवेशंस करते रहें.”
खेती होगी और भी आसान
अशोक के अनुसार, चालक रहित ऑटोमेटेड ट्रैक्टर का उद्देश्य किसानों के लिए भूमि की खेती को आसान बनाने के साथ-साथ लागत प्रभावी रहने और उनकी आय में वृद्धि करना है. परियोजना का उद्देश्य खेती की गतिविधियों में मानव प्रयास को कम करना है. यानि किसानों के शारीरिक श्रम को इससे कम किया जा सकेगा. आने वाले समय में कई सारे कामों के साथ छोटे खेतों की जुताई के लिए रिमोट-नियंत्रित चीजों पर काम किया जाएगा.
कैसे होगा किसानों को फायदा?
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रो निरंजन रेड्डी ने बताया कि इस ऑटोमेटेड ट्रैक्टर को एक कंप्यूटर गेम की तरह दिखने वाले एंड्रॉइड एप्लिकेशन से चलाया जा सकता है. निकटता, तापमान और मिट्टी की नमी जैसे विभिन्न सेंसर से लैस, मशीन रीयल-टाइम फील्ड डेटा इकठ्ठा करती है, और उसी के हिसाब से ये चलता है. ट्रैक्टर हर दिन मौसम की स्थिति रिकॉर्ड करते समय बाधाओं की पहचान करने के लिए निकटता सेंसर का उपयोग करता है और डेटा विश्लेषण के माध्यम से सटीक जल प्रबंधन और फसल उपज भविष्यवाणी को सक्षम करने के लिए क्षेत्र जल आपूर्ति डेटा देता है.