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Drone Man of India: लोगों की भलाई के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है यह युवक, बनाए एंटी-कोरोना से लेकर जानवरों को बचाने वाले ड्रोन

लखनऊ में रहने वाले मिलिंद राज को Drone Man of India का नाम पूर्व-राष्ट्रपति APJ अब्दुल कलाम ने दिया था. कलाम उनके बनाए ड्रोन्स से काफी प्रभावित थे और उन्हें तकनीक का उपयोग समाज की भलाई के लिए करने की सलाह दी.

Milind Raj Milind Raj
हाइलाइट्स
  • पूर्व-राष्ट्रपति APJ अब्दुल कलाम ने दिया खास नाम- Drone Mn of India

  • गरीब बच्चों को मुफ्त में सिखाते हैं ड्रोम बनाने के गुर

ड्रोन टेक्नोलॉजी से आजकल लोग परिचित हो रहे हैं. इससे डिफ़ेन्स, सरकार और प्रशासन के साथ-साथ आमजन के भी कई काम हो सकते हैं. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम से प्रभावित होकर एक युवा आज ड्रोन के ज़रिए लोगों के जीवन को आसान बना रहा है. यह कहानी है मिलिंद राज की. मिलिंद को उनके Anti-Corona Drone और किसी जीव को बचाने के लिए Search and Rescue Drone के लिए जाना जाता है. 

GNT Digital से बात करते हुए मिलिंद राज ने बताया कि इस तरह की टेक्नोलॉजी का असली मक़सद समाज और देश की भलाई होना चाहिए. लखनऊ में स्थित ड्रोन एक्सपर्ट मिलिंद की लैब को देखकर आप तय नहीं कर सकेंगे कि यह ड्रोन फैक्टरी है या कोई रिसर्च सेंटर. यहां आपको छोटे-बड़े, हर आकार के drone रखे मिलेंगे. 

कलाम ने कहा Drone Man of India
लगभग 8 साल पहले मिलिंद राज की मुलाकात पूर्व-राष्ट्रपति APJ अब्दुल कलाम से हुई थी. उनके बनाए ड्रोन से कलाम इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मिलिंद को ‘Drone Man of India’ कहकर उनकी सराहना की. और साथ में उन्हें नसीहत दी कि ‘टेक्नोलॉजी का प्रयोग देश के लिए होना चाहिए.’ बस यही बात मिलिंद के मन में बस गई. 

मिलिंद ने ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम करते हुए लोगों की ज़रूरत के अनुसार कई तरह के ड्रोन बनाए. लेकिन मिलिंद को सबसे ज़्यादा सराहना मिली सर्च एंड रेस्क्यू यानी सार ड्रोन (SAR drone) से. इस ड्रोन के माध्यम से उन्होंने एक कुत्ते की जान बचाई थी. यह तकनीक जापान जैसे उन्नत टेक्नोलॉजी वाले देश को इतनी पसंद आयी कि  जापान ने मिलिंद पर एक डॉक्युमेंटरी ही बना दी. 

कोरोना काल में बनाया खास ड्रोन
मिलिंद का कहना है कि तकनीक को संवेदना से जोड़ने की कोशिश वह हमेशा ही करते हैं. कोरोना के समय में भी उन्होंने एंटी कोरोना ड्रोन बनाया. जिसे देश-विदेश में पहचान मिली. सैनिटाइज़र के छिड़काव के लिए यूपी सरकार से लेकर तमाम एजेंसियों ने इस ड्रोन का प्रयोग किया. मिलिंद कहते हैं कि टेक्नोलॉजी के सकारात्मक उपयोग पर उनका भरोसा है. इसलिए वह समाज और लोगों की भलाई में इस तकनीक को लगाना चाहते हैं. 

यूं तो रक्षा क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और आग बुझाने जैसे काम के लिए सबसे ज़्यादा ड्रोन का प्रयोग होता है. पर मिलिंद चाहते हैं कि इसे वह रोज़गार और शिक्षा से भी जोड़ें. इसके लिए वह ड्रोन और रोबॉटिक्स को आसान बनाना चाहते हैं. मिलिंद कहते हैं कि ड्रोन तकनीक के साथ ही ड्रोन को ऑपरेट करने वाले पाइलट की भी मांग बढ़ेगी. ऐसे में ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को यह तकनीक आनी चाहिए. 

बच्चों को सिखा रहे तकनीकी गुर
मिलिंद का कहना है कि पीएम के 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के सपने को साकार करने में भी ड्रोन टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका हो सकती है. मिलिंद चाहते हैं कि ये टेक्नोलॉजी ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं और बच्चों को पता चले. हाल ही में, 15 अगस्त को आज़ादी के अमृत महोत्सव पर उन्होंने मलिन बस्ती के बच्चों को बुलाकर ड्रोन के ज़रिए तिरंगे के रंगों को फहराया था. 

मिलिंद से सीखने वाले 12 साल के गर्वित आज लोगों की मुश्किल आसान करने के लिए एयर प्योरिफायर पर काम कर रहे हैं. जिससे लोगों की मदद हो सके. मिलिंद कई महत्वपूर्ण प्राजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. पर उनकी कोशिश स्थानीय लोगों को इस तकनीक से जोड़ने की है. जिससे विज्ञान और टेक्नोलॉजी का लाभ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंच सके.