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क्या आपको भी व्हाट्सएप पर मिला ई-चालान? ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहा यह नया तरीका, रहें सावधान

पिछले कुछ महीनों में ई-चालान के नाम पर साइबर ठगी के मामले बढ़े हैं. इसमें साइबर ठग ई-चालान से जुड़े मैसेज भेजकर वाहन मालिकों को आसानी से अपना निशाना बना रहे हैं. अगर आपके व्हाट्सएप पर भी ई-चालान का मैसेज आया है तो जल्दबाजी में पेमेंट करने से बचें. क्योंकि यह आपकी मेहनत की कमाई को उड़ाने के लिए हैकर्स द्वारा बिछाया गया जाल हो सकता है.

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हाइलाइट्स
  • ई-चालान के नाम पर हो रही ठगी

  • 4400 डिवाइस को नुकसान पहुंचा चुका

पिछले कुछ महीनों में ई-चालान के नाम पर साइबर ठगी के मामले बढ़े हैं. इसमें साइबर ठग ई-चालान से जुड़े मैसेज भेजकर वाहन मालिकों को आसानी से अपना निशाना बना रहे हैं. अगर आपके व्हाट्सएप पर भी ई-चालान का मैसेज आया है तो जल्दबाजी में पेमेंट करने से बचें. क्योंकि यह आपकी मेहनत की कमाई को उड़ाने के लिए हैकर्स द्वारा बिछाया गया जाल हो सकता है.

ई-चालान के नाम पर हो रही ठगी
Maorrisbot नामक एक नया साइबर सुरक्षा खतरा भारत में Android यूजर्स को टारगेट कर रहा है. CloudSEK की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हाट्सएप पर लोगों को फर्जी ट्रैफिक चालान भेजा जा रहा है. इसके पीछे वियतनाम के हैकर्स हैं. व्हाट्सएप के एंड्रॉयड यूजर्स को ई-चालान के नाम पर एक मैसेज भेजा जा रहा है. इस मैसेज में वाहन परिवहन की apk फाइल भेजी जा रही है और मैसेज में लिखा जा रहा है कि आपने ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन किया है. 

4400 डिवाइस को नुकसान पहुंचा चुका
इस लिंक पर क्लिक करने के बाद यूजर्स को फोन में एक ऐप डाउनलोड कराया जाता है, जिसके बाद आपसे कॉन्टैक्ट, फोन कॉल, मैसेज की एक्सेस मांगी जाती है. यह मैलवेयर Wromba परिवार का हिस्सा है, जिसने अब तक करीब 4400 डिवाइस को नुकसान पहुंचा चुका है. इस स्कैम ने पूरे भारत के यूजर्स को प्रभावित किया है. वहीं गुजरात इस तरह के हमले के शिकार होने वाले राज्यों में टॉप पर है. इसके बाद कर्नाटक आता है. पहचान से बचने के लिए ये स्कैमर्स प्रॉक्सी आईपी का इस्तेमाल करते हैं

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कैसे काम करता है ये स्कैम
स्कैमर्स खुद को परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस से होने का दावा करके फर्जी यातायात उल्लंघन जुर्माना जारी करने वाले मैसेज भेजते हैं. जब यूजर दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं, तो यह एपीके (एंड्रॉइड एप्लिकेशन पैकेज) डाउनलोड करने का संकेत देते हैं. जैसे ही कोई यूजर मैसेज के साथ आई एपीके फाइल पर क्लिक करता है तो उसके फोन में Maorrisbot डाउनलोड हो जाता है.

स्कैम से बचाव के टिप्स

अपने डिवाइस पर एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल रखें.

ऐप परमिशन की लिमिट कम से कम रखें.

केवल Google Play Store जैसे आधिकारिक सोर्स से ऐप्स डाउनलोड करें.

सुनिश्चित करें कि आपके डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स अपडेटेड हैं.

संदिग्ध एसएमएस का पता लगाने और आपको अलर्ट करने के लिए टूल का इस्तेमाल करें.

बैंकिंग और अन्य संवेदनशील सेवाओं के लिए अलर्ट सेट करें.

अनवैरिफाइड ऐप्स, फिशिंग को लेकर खुद भी जानकारी हासिल करें और दूसरों को भी बताएं.