scorecardresearch

EV की बैटरी पर मिलेगी 3 साल की वारंटी, Electric Mobility Promotion Scheme से अब देश में कारें और स्कूटर बनाना होगा आसान

इससे पहले FAME II प्रोग्राम लॉन्च किया जा चुका है. लेकिन इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च, 2024 है. ऐसे में केंद्र ने EV बिक्री की गति बनी रहे इसके लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम की शुरुआत की है.

Electric Vehicle Electric Vehicle
हाइलाइट्स
  • FAME II के खत्म होने के बाद लॉन्च हुई ये स्कीम

  • निर्माताओं के लिए सख्त दिशानिर्देश

इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) रखने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. ईवी (EV) के लिए नई योजना शुरू की गई है. इसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) कहा जा रहा है. इसके तहत अब हर इलेक्ट्रिक बैटरी के लिए 3 साल की वारंटी मिलेगी. भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) की घोषणा की है. EMPS का लक्ष्य ईवी निर्माताओं को सब्सिडी और प्रोत्साहन देकर ई-मोबिलिटी की गति को बढ़ाना है. 

FAME II के खत्म होने के बाद लॉन्च हुई ये स्कीम 

दरअसल, इससे पहले FAME II प्रोग्राम लॉन्च किया जा चुका है. लेकिन इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च, 2024 है. ऐसे में केंद्र ने EV बिक्री की गति बनी रहे इसके लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम की शुरुआत की है. EMPS चार महीने के लिए प्रभावी होगी, जिसमें 2-पहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये और छोटे 3-पहिया वाहनों के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. इस योजना का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र को और अधिक बढ़ाना है. 

सम्बंधित ख़बरें

निर्माताओं के लिए सख्त दिशानिर्देश

EMPS के तहत, ईवी निर्माताओं को सब्सिडी (EV Subsidy) के लिए कड़े मानकों को पूरा करना होगा. इसमें कहा गया है कि अगर निर्माताओं को सब्सिडी वाले मॉडलों बनाने हैं तो उन्हें जितनी हो सके लोकल चीजों का इस्तेमाल करना है. इसके अलावा, निर्माताओं को 2-पहिया वाहनों के लिए तीन साल या 20,000 किमी और 3-पहिया वाहनों के लिए 80,000 किमी की वारंटी देनी होगी. साथ ही इलेक्ट्रिक बैटरी पर 3 साल की वारंटी की बात भी कही गई है. 

बैटरी पर 3 साल की वारंटी

पिछले FAME II कार्यक्रम में तीन साल की वारंटी बैटरी पर दी गई थी. ऐसे में EMPS के आने के बाद भी EV बैटरी के लिए इतने ही साल की वारंटी होगी. साथ ही इसमें ये कहा गया है कि उपभोक्ताओं के पास जबतक इलेक्ट्रिक वाहन रहेगा तबतक रखरखाव और मरम्मत में कंपनी उसकी मदद करेगी. 

लोकल लेवल पर हो निर्माण 

ईएमपीएस के तहत सब्सिडी के लिए के लिए कहा गया है कि, वाहनों का निर्माण भारत में किया जाना चाहिए. लोकल लेवल पर चीजों को बनाया जा सके और आयात पर निर्भरता कम की जा सके, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल के कुछ हिस्से बाहर से मंगवा सकती हैं. केवल सेल और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम का आयात किया जा सकता है, जबकि ट्रैक्शन बैटरी पैक को घरेलू स्तर पर असेंबल किया जाना चाहिए. 

इसके अलावा, पावर और कंट्रोल वायरिंग हार्नेस, हब मोटर के साथ व्हील रिम और ट्रैक्शन मोटर कंट्रोलर जैसी चीजों का निर्माण लोकल लेवल पर किया जाना चाहिए.