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पूरे देश में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार, यूपी में हुई सबसे ज्यादा बिक्री, नीति आयोग के पूर्व सीईओ ने दिया ये सुझाव

पूरे देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार बढ़ रहा है. यूपी बिक्री के मामले में सबसे आगे है. इसी को लेकर नीति आयोग के सीईओ ने सुझाव दिया है कि भारत को अगले पांच सालों में दोपहिया-तिपहिया वाहनों की बिक्री को सौ फीसदी इलेक्ट्रिक कर देना चाहिए.

ELECTRIC VEHICLE ELECTRIC VEHICLE
हाइलाइट्स
  • वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में ईवी की सर्वाधिक बिक्री हुई

  • यूपी में सबसे ज्यादा ईवी की बिक्री, दिल्ली में ईवी का विस्तार सबसे ज्यादा

बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लगातार अलग-अलग कदम उठाए जा रहे हैं. अब इसी को लेकर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि भारत को अगले पांच साल में दोपहिया-तिपहिया वाहनों की बिक्री को 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखना चाहिए. अमिताभ कांत का कहना है कि यह न केवल वायु प्रदूषण को घटाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि हम इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स के विनिर्माण में वैश्विक चैंपियन बन सकें. इसके साथ उन्होंने ई-बसों पर भी ध्यान देने के लिए कहा है. 

फार्स्ट चार्जर्स लगाने और बैट्ररी स्वैपिंग हो हर जगह 

अमिताभ कांत ने आगे कहा, “ई-मोबिलिटी ट्रांजिशन को प्रोत्साहित करने के लिए, वित्त पोषण बहुत जरूरी है. पर्याप्त मात्रा में निजी-पूंजी का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए फर्स्ट लॉस गारंटीज, क्रेडिट में विस्तार और मिश्रित वित्त पोषण जैसी प्रणालियों को लाने की आवश्यकता है. हमें 50 लाख (पांच मिलियन) फार्स्ट चार्जर्स लगाने और बैट्ररी स्वैपिंग व स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) पर जोर देने का लक्ष्य भी रखना चाहिए. 

ग्रीनिंग इंडियाज ऑटोमोटिव सेक्टर पर जारी की रिपोर्ट 

अमिताभ कांत ने सीईईडब्ल्यू के सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस (सीईईडब्ल्यू-सीईएफ) की स्टडी ‘ग्रीनिंग इंडियाज ऑटोमोटिव सेक्टर’ को भी जारी किया. ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपी पर बेस्ड इस रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) की बिक्री पहले के पूरे वित्त वर्ष से ज्यादा रही. सितंबर 2022 में कुल ऑटो बिक्री में ईवी का हिस्सा 6 प्रतिशत रहा, जो जनवरी 2021 की तुलना में सिर्फ एक प्रतिशत अधिक था. सीईईडब्ल्यू-सीईएफ ने अपना इलेक्ट्रिक मोबिलिटी डैशबोर्ड भी जारी किया. बता दें, ये एक फ्री ऑनलाइन टूल है, जो 15 दिन पर ईवी के विस्तार के बारे देश, प्रदेश और आरटीओ के स्तर पर जानकारियों को अपडेट करता है.

ग्रीनिंग इंडियाज ऑटोमोटिव सेक्टर रिपोर्ट जारी करते हुए
ग्रीनिंग इंडियाज ऑटोमोटिव सेक्टर रिपोर्ट जारी करते हुए

रिपोर्ट में क्या आया सामने?

-रिपोर्ट की बात करें तो इसमें बताया गया कि भारत के 21 राज्यों ने खुद की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी जारी की हैं. इनमें से 15 राज्य अपने यहां ईवी खरीदारों को सब्सिडी के रूप में प्रोत्साहन दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु ने हाल ही में अपनी ईवी नीतियां घोषित की हैं. साथ ही फेम-II (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को बढ़ावा देने में बहुत असरदार रही है. फेम-II योजना के 56 प्रतिशत यूनिट लक्ष्य को हासिल कर चुका है. लेकिन ई-रिक्शा सहित इलेक्ट्रिक-थ्री-व्हीलर्स और कमर्शियल इलेक्ट्रिक-फोर-व्हीलर्स अभी काफी पीछे हैं. 

-सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के अध्ययन में यह भी पाया गया है कि देश में वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में ईवी की सर्वाधिक बिक्री करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश (1.65 लाख ईवी) सबसे आगे है. प्रदेश में ईवी का विस्तार लगभग 4 प्रतिशत है. वहीं, महाराष्ट्र 1.12 लाख ईवी की बिक्री के साथ दूसरे स्थान पर है. लेकिन ईवी के विस्तार के आधार पर दिल्ली सबसे आगे है. यह कुल वाहनों में ईवी का हिस्सा 8.30 प्रतिशत है. 

-अकेले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में लगभग तीन लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और 1.7 लाख ई-रिक्शा की बिक्री हुई, जो इन दोनों ही श्रेणियों के लिए अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री का रिकॉर्ड है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान जैसे राज्य ईवी बिक्री में अपनी सफलता का श्रेय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स श्रेणी को दे सकते हैं, जबकि, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में ईवी की बिक्री में  ई-रिक्शा की संख्या ज्यादा है जो अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी देता हैं.