योगी सरकार उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने की तैयारी में है और इसके लिए ड्राफ्ट भी तैयार हो गया है. सरकार की इस पूरी कवायद का मकसद राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का है. 2030 तक राज्य के परिवहन को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बनाना है, ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण हो सके और राज्य की आवो हवा साफ सुथरी हो सके.
रोड टैक्स से 100 फीसदी छूट मिलेगी
नई ईवी पॉलिसी के तहत वातावरण को इको फ्रेंडली बनाने के लिए सरकार दोपहिया से लेकर चौपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों, इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर 15 फीसदी की छूट देगी. इतना ही नहीं ईवी पॉलिसी के लागू होने के पहले तीन साल तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को रजिस्ट्रेशन शुल्क और रोड टैक्स से 100 फीसदी छूट मिलेगी. इसके बाद चौथे और पांचवें साल में ये छूट 50 फीसदी हो जाएगी.
ईवी पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, प्लग इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, ईवी सप्लाई इक्विपमेंट, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, ऑन बोर्ड चार्जर्स, व्हीकल कंट्रोल यूनिट और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम्स आदि को कवर किया जाएगा.
इलेक्ट्रिक कैंपेन की शुरुआत की जाएगी
नई ईवी पॉलिसी के तहत सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030 तक सारे सरकारी वाहन बदलकर इलेक्ट्रिक कर दिये जाएंगे और उनको चलाने के लिए ग्रीन सड़कों की पहचान की जाएगी. सरकारी कर्मचारियों को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए गो इलेक्ट्रिक कैंपेन की शुरुआत की जाएगी.
हर 9 किलोमीटर की दूरी पर एक चार्जिंग स्टेशन
यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को नियमित रूप से चलाने के लिए सबसे जरूरी है चार्ज़िंग स्टेशन्स और इसके लिए भी प्लान तैयार है. शहरों में हर 9 किलोमीटर की दूरी पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
सरकार का मानना है कि इस पॉलिसी के तहत जो व्यवस्थाएं की गई है. उससे प्रदूषण पर रोक तो लगेगी ही इसके अलावा राज्य में निवेश भी बढ़ेगा और यहां के लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे. हालांकि अभी यूपी में इेलेक्ट्रिक वाहन नीति का मसौदा ही तैयार हुआ है. कैबिनेट की मुहर लगना बाकी है.