Jio अपने यूजर्स के लिए 4G और 5G नेटवर्क के आसपास सर्विसेज का एक सूट तैयार कर रहा है. हाल ही में, Jio ने JioSafe पेश किया, जिसके बारे में उसका दावा है कि यह एक अल्ट्रा-सिक्योर कम्यूनिकेशन ऐप है. सरल शब्दों में कहें तो यह एक सुरक्षित वीडियो-कॉलिंग एप्लिकेशन है।
हालांकि JioSafe एंड्रॉइड और iOS के लिए 199 रुपये/माह के सब्सक्रिप्शन के साथ आता है, लेकिन टेलीकॉम कंपनी ने एक साल के लिए इसे फ्री रखा है. JioSafe के साथ कंपनी सुरक्षित वीडियो-कॉलिंग प्लेटफॉर्म के बीच अपने लिए जगह बनाने की कोशिश कर रही है.
इस कॉलिंग ऐप में प्रोटेक्शन के पांच लेवल
कंपनी का दावा है कि JioSafe पांच लेवल की सुरक्षा वाला एक कॉलिंग ऐप है और इसे "हैक-प्रूफ" कहा जाता है. इसका इस्तेमाल दूसरे JioSafe यूजर्स को टेक्स्ट करने, ऑडियो या वीडियो कॉल करने के लिए किया जा सकता है. हालांकि, किसी भी अन्य इंस्टेंट मैसेजिंग या कॉलिंग ऐप्स के विपरीत, JioSafe का इस्तेमाल करने के लिए कुछ शर्तें हैं; नहीं तो यह ऐप काम ही नहीं करेगा.
सबसे पहले, JioSafe ऐप केवल Jio सिम कार्ड वाले 5G स्मार्टफोन पर काम करता है जो 5G नेटवर्क से जुड़ा है. अगर समीकरण में इनमें से कोई भी पैरामीटर गायब है, तो ऐप बूट नहीं होगा. इसका मतलब है कि जो Jio यूजर्स अभी भी 4G नेटवर्क पर हैं, वे JioSafe के लिए साइन अप नहीं कर पाएंगे.
इसका मतलब यह भी है कि JioSafe भारत तक ही सीमित रहेगा, और विदेशों में इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं है. वर्तमान में, JioSafe का इस्तेमाल करने के लिए किसी के पास अनलिमिटेड 5G डेटा वाला डेटा प्लान होना चाहिए. अगले साल से ऐप का इस्तेमाल जारी रखने के लिए यूजर्स को मासिक शुल्क भी देना होगा.
सिर्फ साइन-अप के दौरान ही नहीं, जब भी कोई JioSafe से मैसेज भेजना या कॉल करना चाहता है, तो फोन में 5G कनेक्टिविटी होनी चाहिए; अगर नहीं, तो ऐप काम नहीं करेगा. यह सिक्योर रूम नामक इंडिविजुअल वीडियो कॉल और ग्रुप वीडियो कॉल दोनों को सपोर्ट करता है, जिसमें एक साथ पांच यूजर्स शामिल हो सकते हैं.
क्या वास्तव में सुरक्षित है JioSafe
Jio दावा करता है कि यह सुरक्षित है क्योंकि यह Jio 5G के क्वांटम-सुरक्षित नेटवर्क का इस्तेमाल करता है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह अभेद्य है यानी कोई इस सिक्योरिटी को ब्रीच नहीं कर सकता है. JioSafe ऐप से की गई हर एक कॉल को एन्क्रिप्ट और प्रमाणित किया जाएगा, जिससे अनऑथराइज्ड एक्सेस असंभव हो जाएगी.
5G वायरलेस नेटवर्क डिफ़ॉल्ट रूप से 4G/3G/2G नेटवर्क की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है. हाई इंटरनेट स्पीड के अलावा, यह एक सिक्योर आर्किटेक्चर के टॉप पर बनाया गया है, विशेष रूप से Jio का 5G स्टैंडअलोन (SA) नेटवर्क जो 256-बिट नेटवर्क एन्क्रिप्शन को इनेबल करने वाले समर्पित कोर नेटवर्क हार्डवेयर का यूज करता है. साथ ही, यह सब्सक्राइबर कंसील्ड आइडेंटिटी (SCI) नामक तकनीक का इस्तेमाल करता है, जो यूजर्स की पहचान को उजागर नहीं करता है. इन फायदों के कारण, JioSafe एक ज्यादा सुरक्षित प्लेटफ़ॉर्म प्रतीत होता है.
JioSafe सिग्नल से कैसे अलग है?
Signal सबसे पॉपुलर सिक्योर मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप्स में से एक है; हालांकि, JioSafe के विपरीत, सिग्नल किसी भी मोबाइल या वाई-फाई नेटवर्क पर बिना किसी परेशानी के काम कर सकता है. और JioSafe के विपरीत, सिग्नल एक फ्री-टू-यूज़ ऐप है जिसमें कोई सब्सक्रिप्शन नहीं है, और इसे लगभग किसी भी स्मार्टफोन पर इस्तेमाल किया जा सकता है. JioSafe का स्वामित्व रिलायंस Jio के पास है, जबकि सिग्नल का स्वामित्व किसी सिंगल यूनिट या ग्रुप के पास नहीं है.
व्हाट्सएप से अलग है JioSafe
JioSafe में कुछ विशेषताएं हैं जो व्हाट्सएप के समान हैं, मेटा का इंस्टेंट मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप पूरी तरह से एक अलग प्लेटफॉर्म है और स्मार्टफोन और डेस्कटॉप के लिए उपलब्ध है. जब सुरक्षा की बात आती है, तो व्हाट्सएप और सिग्नल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन आधारित सेवाएं हैं. दूसरी ओर, JioSafe अभी सिर्फ एन्क्रिप्टेड सेवाएं ही देता प्रतीत होता है.
क्या JioSafe एक बेहतर विकल्प है?
यह देखते हुए कि यह एक बिल्कुल नया प्लेटफ़ॉर्म है और मुफ़्त में उपलब्ध है, हालांकि यह Jio यूजर्स तक सीमित है, यह एक दिलचस्प ऐप है जो प्राइवेसी और सुरक्षा का वादा करता है. हालांकि, अभी, बहुत सारे JioSafe यूजर्स नहीं हैं, और पहले से ही बहुत सारे मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप मौजूद हैं जो मुफ़्त हैं और विभिन्न प्रकार के डिवाइस और नेटवर्क पर एक्सेस करना बहुत आसान है. अगर आप दूसरों से जुड़ने के लिए एक सिक्योर मंच की तलाश में हैं, तो JioSafe एक बार ट्राई कर सकते हैं.