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Food From The Sky: जल्द आसमान से होगी खाने की डिलीवरी! Swiggy ने किया 300 ड्रोन का फूड डिलीवरी ट्रायल

स्विगी के प्रोडक्ट डिलीवर करने के लिए इन फ्लाइट में एएनआरए के स्मार्टस्काईज सीटीआर और स्मार्टस्काईज डिलीवरी सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म पर चलने वाले मल्टीरोटर ड्रोन शामिल किये गए थे. एएनआरए की फ्लाइट टीम ने ये टेस्ट आईआईटी रोपड़ के कैंपस, पंजाब और उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किये.

Drone Food Delivery Drone Food Delivery
हाइलाइट्स
  • नई टेक्नोलॉजी पर कर रहा है स्विगी (Swiggy) काम

  • इस पायलट प्रोजेक्ट में लगा है कई महीनों का समय

‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ के बाद अब ‘फूड फ्रॉम द स्काई’ पर काम चल रहा है. इसी कड़ी में फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) ने एएनआरए लिमिटेड (ANRA Technologies Private Limited) के साथ मिलकर ड्रोन के माध्यम से फूड डिलीवरी ट्रायल किया है. इसमें 352 ड्रोन ट्रायल किये गए हैं, जिसमें 1,100 किलोमीटर के एरिया को कवर किया गया था.  

स्विगी के प्रोडक्ट डिलीवर करने के लिए इन फ्लाइट में एएनआरए के स्मार्टस्काईज सीटीआर और स्मार्टस्काईज डिलीवरी सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म पर चलने वाले मल्टीरोटर ड्रोन शामिल किये गए थे. एएनआरए की फ्लाइट टीम ने ये टेस्ट आईआईटी रोपड़ के कैंपस, पंजाब और उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किये.

Swiggy food delivery
Swiggy food delivery

नई टेक्नोलॉजी पर कर रहा है स्विगी काम 

इसके बारे में इंडिया टुडे ने जब स्विगी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर डेल वाज से बात की तो उन्होंने कहा, “स्विगी में हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को हमेशा सबसे आगे रखते हैं और हम अपने कस्टमर्स को अलग-अलग सुविधाएं देने के लिए भविष्य की टेक्नोलॉजी में भी इन्वेस्ट कर रहे हैं.” 

उन्होंने आगे बताया कि एएनआरए कंपनी स्विगी के साथ पार्टनरशिप की मदद से भारत में ड्रोन फ्लाइट की संभावनाओं और उपयोग को लेकर काम कर रही है. हाल ही में खत्म हुआ ये पायलट प्रोजेक्ट कमर्शियल ड्रोन फ्लाइट के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा. 

drone food delivery
Drone Food Delivery

पायलट प्रोजेक्ट में लगा है कई महीनों का समय

इस पायलट प्रोजेक्ट में कई महीनों का समय लगा है. इसमें रिस्क असिस्टेंट (risk assessments), एयर ट्रैफिक कंट्रोल (air traffic control integration), इक्विपमेंट प्रिपरेशन (equipment preparation) और कोर्डिनेशन सभी को प्लान किया गया है जिसके बाद ये संभव हो पाया है. सबसे आखिर में एक फाइनल रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी गयी जिसमें उन सभी नियमों और मानदंडों को पूरा किया गया था जो देश में ड्रोन फ्लाइट के लिए बनाये गए हैं, जैसे- बियॉन्ड द लाइन ऑफ साइट आदि.  

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ड्रोन फ्लाइट को चेक करना था. जिसमें खराब मौसम, एयरस्पेस ट्रैफिक, बाहरी सॉर्स से किसी प्रकार की कोई परेशानी, कमांड और कंट्रोल, परफॉरमेंस आदि को एग्जामिन किया गया.

(आशीष पांडेय की रिपोर्ट)

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