गूगल (Google) एंटीट्रस्ट ट्रायल में CEO सुंदर पिचाई गवाही देने वाले हैं. ये मामला सर्च इंजन और एडवरटाइजिंग मार्किट पर गूगल के प्रभाव से जुड़ा हुआ है. इस एंटीट्रस्ट मामले में, अल्फाबेट और इसकी सहायक कंपनी Google के सीईओ सुंदर पिचाई सोमवार को गवाही देने वाले हैं. सुंदर पिचाई से सर्च एडवरटाइजिंग को लेकर Google के निवेश के बारे में पूछताछ की जाएगी.
दरअसल, ये मामला गूगल सर्च इंजन और स्मार्टफोन से जुड़ा है. गूगल पर ये आरोप है कि वे अपने सर्च इंजन को अलग-अलग स्मार्टफोन में डिफॉल्ट ऑप्शन के रूप में सेव करने के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रहा है.
सरकार का तर्क
इसे लेकर सरकार का मानना है कि Google, जिसका लगभग 90% सर्च मार्केट पर कब्जा है, अवैध गतिविधियों में लिप्त है. इसमें आरोप लगाया गया है कि Google ने Apple जैसे स्मार्टफोन निर्माताओं और AT&T जैसे वायरलेस कैरियर को भारी भुगतान किया है. उनके मुताबिक, गूगल ऐसा करने के लिए लगभग 10 बिलियन डॉलर खर्च करता है. यही कारण है कि उसका मुनाफा भी पिछले कई सालों में बढ़ा है.
गूगल का इसपर क्या कहना है?
दूसरी ओर, Google का यह तर्क है कि यह एक रेवेन्यू शेयरिंग एग्रीमेंट और पूरी तरह से वैध है. कंपनी का कहना है कि उसने अपने सर्च और एडवरटाइजिंग बिजनेस को मार्केट में बने रहने के लिए उसमें लगातार निवेश किया है. Google का यह भी तर्क है कि अगर यूजर डिफॉल्ट सेटिंग्स से असंतुष्ट हैं तो वे कोई और विकल्प भी चुन सकते हैं. इसकी स्वतंत्रता उनके पास है. और कई लोग ऐसा करते भी हैं.
और लोग भी हैं गवाहों की लिस्ट में
गौरतलब है कि Google के खिलाफ इस एपिक एंटीट्रस्ट मुकदमे की सुनवाई की तारीख तय हुए लगभग 10 महीने हो गए हैं. सुंदर पिचाई के साथ एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम और एसेंशियल के को-फाउंडर एंडी रुबिन भी गवाहों की लिस्ट में हैं. उन्होंने 2014 तक Google में काम किया था, लेकिन यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी.