ज्यादातर लोग गूगल क्रोम (Google Chrome) का इस्तेमाल करते हैं. ये वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले वेब ब्राउजरों में से एक है. लेकिन ये कितना सुरक्षित है इसको लेकर अब सवाल उठ रहे हैं. इसे लेकर इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने चेतावनी दी है. इस महीने जारी किए गए अलर्ट ने लाखों क्रोम यूजर्स के बीच उनकी ऑनलाइन सुरक्षा और डेटा सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.
खतरे की गंभीरता
CERT-In ने इसे लेकर एक सिक्योरिटी बुलेटिन जारी किया है. इसे Google Chrome में पाई गई कई कमजोरियों के बारे में बताया गया है. इससे यूजर्स की सुरक्षा कहीं न कहीं खतरे में है. इनसे दूर बैठे लोग भी आपके साथ फ्रॉड कर सकते हैं. ऐसे में इनसे बचने के लिए सरकार ने अलग-अलग उपाय बताए हैं.
किसे है ज्यादा खतरा?
Google Chrome के वो यूजर्स जो विंडोज और लिनक्स प्लेटफॉर्म पर नए अपडेट से पहले का वर्जन चला रहे हैं उन्हें इससे खतरा है. इसमें ये वर्जन शामिल हैं-
- विंडोज और Mac के लिए 122.0.6261.111/.112 से पहले के Google Chrome वर्जन
- Linux के लिए 122.0.6261.111 से पहले के Google Chrome वर्जन
Google Chrome में पहचानी गई कमजोरियां ब्राउजर की वजह से आई हैं. ब्राउजर में कई सारी गलतियां हैं. इनकी वजह से अगर हमलावर दूर भी बैठा है तब भी वो यूजर्स के सिस्टम पर मनमाना कोड जेनरेट कर सकता है. इससे यूजर्स की सुरक्षा खतरे में आ सकती है.
इससे बचने के हैं कई उपाय
इन कमजोरियों से होने वाले जोखिम को कम करने के लिए, यूजर्स को अपने Google Chrome ब्राउजर को अपडेट करने की सलाह जाती है. क्रोम डेवलपमेंट टीम ने पहले ही इन कमजोरियों को संबोधित करते हुए अपडेट जारी कर दिया है, और यूजर्स इन चरणों का पालन करके अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं-
1. तीन-बिंदु मेनू आइकन पर क्लिक करके क्रोम ब्राउजर सेटिंग्स तक पहुंचें.
2. "सेटिंग्स" पर जाएं और फिर "क्रोम के बारे में" पर क्लिक करें.
3. अपडेट की जांच करें, और देखें कि कोई नया वर्जन उपलब्ध है, तो Chrome को अपडेट र लें.
4. नए अपडेट को इंस्टॉल करके, यूजर खुद को इससे बचा सकते हैं.
समय-समय पर करते रहें अपडेट
पुराने क्रोम वर्जन से जुड़े सुरक्षा खतरों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए, यूजर्स की ऑनलाइन सुरक्षा और प्राइवेसी के लिए जरूरी है कि वे समय पर अपडेट करते रहें. अपने ब्राउजर को अपडेट करने में सतर्क और सक्रिय रहें. केवल इसी से यूजर्स खुद को साइबर हमलों से बचा सकते हैं.