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Google Pay ने खोला अपना एक नया पत्ता, ग्राहकों से वसूलेगा अब कन्विनिएंस फीस.. जानें किसको और कितनी देनी होगी फीस

Google Pay ने ग्राहकों के लिए बढ़ाई मुश्किलें. अब पेमेंट पर देना पड़ेगी GST के साथ कन्विनिएंस फीस भी. जानें क्या है ये कन्विनिएंस फीस.

आमतौर पर आजकल लोग बाजार में खरीददारी करने के लिए UPI Payment का काफी इस्तेमाल करते हैं. इसमें एक तरह खरीददार और दुकानदार दोनों को ही फायदा होता है. दोनों को खुल्ले पैसे की दिक्कते को इस तरीके से सुलझा दिया है. लेकिन UPI करने के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद हैं. जैसे Paytm, Google Pay, PayPe आदि.  अब ऐसे में लोग आमतौर पर उसी प्लेटफॉर्म को चुनते हैं जहां उन्हें एक्सट्रा चार्ज ना देना पड़े.

लेकिन बाजार में UPI फ्रॉड भी काफी ज्यादा हो रहे हैं. जिसके कारण लोगों को चूना भी लग जाता. स्कैमर उनकी इस आदत की फायदा उठाते है और उनको ठग लेते है. कुछ लोगों को इस स्कैम के बारे में पता है. लेकिन अभी भी कुछ है जो जानते नहीं इसके बारे में. अब जो लोग इस स्कैम के बारे में जानते हैं. वह अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए इन प्लेटफॉर्म से पेमेंट करते है. पर एक प्लेटफॉर्म ने इसमें भी एक पेंच फसा दिया. चलिए बताते हैं क्या है वो पेंच?

कन्विनिएंस फीस का जाल
दरअसल Google Pay का UPI पेमेंट्स के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए बिल का भुगतान करने पर कन्विनिएंस फीस चुकानी होगी. Google Pay इससे पहले मोबाइल को रिचार्ज करने पर करीब 3 रुपए बतौर सर्विस लेता था.

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कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिलों के पेमेंट्स पर अब आपको Google Pay के इस्तेमाल पर केवल GST ही नहीं कन्विनिएंस फीस भी देनी होगी. हांलाकि अगर Google Pay ने इसे बहुत ज्यादा नहीं रखा है. यह करीब पेमेंट पर 0.5-1 प्रतिशत रखी गई है. डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के द्वारा पेमेंट करने पर इसे 'प्रोसेसिंग फीस' का भी नाम दिया गया है. 

क्या अब दूसरे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें
अगर आप इस फीस से बचने के लिए सोच रहे हैं कि चलो PayTM या PhonePe की तरफ चलते हैं. तो बता दें कि जाल वहां भी आपका इंतजार कर रहा है. इन दोनों प्लेटफॉर्म पर भी आपसे ट्रांस्केशन पर किसी ना किसी तरह से चार्ज लिया जाएगा. अब वह Google Pay से ज्यादा होगा या कम वह अलग बाता है.

क्या कहता है आंकड़ा
2025 के जनवरी आंकड़े की बात करें तो करीब 17 अरब UPI Payments हुई हैं. जिनकी वैल्यू 23.48 लाख करोड़ रुपए है. वहीं अगर दिसंबर 2024 की बात करें तो, तब करीब 16.73 अरब टांस्कैशन हुई थी. यानी जनवरी 2025 से 1 प्रतिशत कम. जिसकी वैल्यू 23.25 लाख करोड़ रुपए थी. इसका मतलब है यह आंकड़ा बढ़ रहा है. इस बढ़ते हुए आंकड़े का ही शायद ही प्लेटफॉर्म फायदा उठाना चाह रहे है. जिससे इनकी कमाई में इजाफा होगा.