गूगल ने सुरक्षा कारणों से भारत में अपने प्ले स्टोर से करीब 2000 पर्सनल लोन ऐप्स को हटा दिया है. Google ने साल के शुरूआत में ही इन ऐप्स को हटाया है. इन ऐप्स को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक ने Google को अपना ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा था.
गूगल के नए Play Store दिशानिर्देशों के बारे में बात करते हुए वरिष्ठ निदेशक और Google एशिया-प्रशांत के ट्रस्ट और सुरक्षा के प्रमुख सैकत मित्रा ने कहा, " गूगल में समय समय पर शोध होना जरूरी है इससे हमारे यूजर्स की सुरक्षा के साथ Google Play स्टोर की भी ऑथेंटिसिटी बेहतर होती है.
मित्रा ने यह भी खुलासा किया कि Google Play Store पर ऐप्स अपलोड होने पर उनकी समीक्षा की जाती है, लेकिन लोन ऐप्स के मामले में इंटरनेट की दुनिया के बाहर भी बहुत सारी आपराधिक गतिविधियों की सूचना मिली थी. कई इंटर्न यूजर्स ने कर्ज वाले ऐप के मामले में उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग के मामले दर्ज किए हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड ने मित्रा के हवाले से कहा, "हमें कुछ पर्सनल लोन ऐप्स की तरफ से अपनाई गई हिंसक बरताव के बारे में भी सूचना मिली है, अब हम इन मामलों को हल करने में मदद लेने के लिए उद्योग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जुड़ रहे हैं.
आरबीआई या भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनियमित उधार गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक कानून की सिफारिश के बाद Google ने अनियमित उधार देने वाले ऐप्स का संज्ञान लिया. मित्रा ने कहा कि मौजूदा दौर में भारत में सरकारी प्रमाणित लोन ऐप्स नहीं हैं. ऐसे कई लोन एप्लिकेशन हैं जो मुकसानदायक नहीं लगते हैं, लेकिन हकिकत में ये ऐप्स यूजर्स के लिए बेहद ही नुकसानदायक हैं.