गूगल ने एक नया क्वांटम कंप्यूटिंग चिपसेट 'विलो' (Willow) लॉन्च किया है. जिसने कंप्यूटर जगत में हलचल मचा दी है. इसे लेकर सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिससे एलन मस्क काफी इंप्रेस हुए हैं. उन्होंने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के पोस्ट पर वॉव का रिएक्शन भी दिया. यह प्रोसेसर गूगल की सैंटा बारबरा, कैलिफोर्निया स्थित क्वांटम लैब में बनाई गई है.
विलो चिप मिनटों में करेगी समस्याओं का हल
गूगल की क्वांटम कंप्यूटिंग चिप Willow को लेकर कहा है कि इस चिपसेट से जल्द से जल्द प्रॉब्लम को हल किया जा सकता है, जिसे लीडिंग सुपर कंप्यूटर करने में 10 से 25 साल का समय भी लगा सकते हैं. इसे लेकर सुंदर पिचाई ने अपने एक्स पर बताया कि गूगल ने Willow चिप के तौर पर क्वांटम कंप्यूटिंग की नई स्टेट ऑफ आर्ट पेश किया है, जो कैलकुलेशन की कमियों को दूर करने में माहिर है.
विलो चिप का कब और कहां कर सकेंगे इस्तेमाल?
एक्सपर्ट के मुताबिक प्रैक्टिकली गूगल की नई विलो चिप का इस्तेमाल में कई साल का समय लग सकता है. साथ ही इसके इस्तेमाल के लिए कई बिलियन डॉलर भी खर्च करने पड़ सकते हैं. इस चिप का इस्तेमाल दवाइयों की खोज में, न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर एनर्जी और कार बैटरी के डिजाइन जैसे क्षेत्रों में आसानी से किया जा सकता है.
क्वांटम कंप्यूटिंग क्या है?
क्वांटम कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक है जो क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों पर काम करती है. यह आम कंप्यूटरों से अलग और बहुत ही तेज़ है. आम कंप्यूटरों में डेटा का सबसे छोटा यूनिट बिट (0 या 1) होता है, जबकि क्वांटम कंप्यूटर में क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स (Qubits) का इस्तेमाल किया जाता है. क्यूबिट्स की खासियत यह है कि वे एक साथ 0, 1 और इन दोनों का मेल भी हो सकते हैं. इसे सुपरपोजिशन (Superposition) कहते हैं. इस कारण से क्वांटम कंप्यूटर एक साथ बहुत बड़ा डेटा प्रोसेस कर सकते हैं. जितने अधिक क्यूबिट्स होंगे, कंप्यूटर उतना ही तेज और प्रभावी होता है.
क्वांटम कंप्यूटिंग के खतरे
क्वांटम कंप्यूटिंग बहुत फायदेमंद टेक्नोलॉजी है, लेकिन इसके साथ कुछ चिंताएं भी जुड़ी हैं. यह टेक्नोलॉजी इतनी ताकतवर है कि मौजूदा एन्क्रिप्टेड सुरक्षा सिस्टम को भी तोड़ सकती है, जिससे संवेदनशील डेटा को खतरा हो सकता है. इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए, ऐपल ने अपने iMessage को क्वांटम प्रूफ बनाने का काम शुरू कर दिया है. इसका मतलब है कि भविष्य में जब क्वांटम कंप्यूटर ज्यादा शक्तिशाली हो जाएंगे, तब भी iMessage का डेटा सुरक्षित ही रहेगा.