कोरोना काल में बहुत से युवा हैं जिनकी जॉब चली गई. पर कहते हैं न कि अगर आप काबिल हैं तो खुद अपनी राह बना सकते हैं. आज ऐसे ही एक युवा के बारे में हम आपको बता रहे हैं. हरियाणा में रेवाड़ी के बालावास अहीर के रहने वाले विकास यादव कोरोना के पहले तक एक निजी कम्पनी में मैकिनिकल इंजीनियर थे.
कोरोना में जॉब चले जाने के बाद उन्होंने हाथ पर हाथ रखकर बैठने की बजाय घर पर ही सामान ढोने वाला ई-रिक्शा डिजाइन किया. इस ई-रिक्शा की खास बात है कि यह बैटरी के आलावा पैडल से भी चलाया जा सकता है. विकास का कहना है कि आने वाले समय में ई-रिक्शा को पैडल से चलाते समय इसकी बैटरी भी चार्ज हो जाएगी. इसे सोलर ई-रिक्शा बनाने की दिशा में वह कार्य कर रहे हैं.
बनाया सस्ता ई-रिक्शा
विकास यादव का कहना है कि कोरोना काल के बाद पर्यावरण संरक्षण के लिए लोग जागरूक हुए है. टेक्नॉलोजी ने पैडल से चलने वाले ई-रिक्शा लोडिंग वालों का काम छीन लिया है. इसलिए उन्होंने इस ई-रिक्शा को बेहतर सस्ते रेट पर बैटरी के साथ-साथ पैडल से चलाने के लिए भी डिजाइन किया है.
इस रिक्शा में मोटरसाइकल में लगने वाले टायर, और हैड लैंप इस्तेमाल किये गए हैं. पैडल चैनसेट साइकिल जैसे हैं. एक डिजिटल मीटर लगाया गया है. जो बैटरी की क्षमता दर्शाता है. इस ई-रिक्शा में स्पीड के लिए तीन मॉड दिए गए है. खास बात ये है कि इसमें बैकगियर दिया गया है. ताकि मूवमेंट करने में दिक्कत ना आये. विकास ने बताया कि एक-दो कम्पनी के अधिकारी उनके घर पर इसे देखने के लिए आ चुके हैं. हालांकि अभी तक किसी कम्पनी से टाईअप नहीं हुआ है.
(देशराज सिंह की रिपोर्ट)