पिछले दिनों Pegasus स्पाईवेयर खूब चर्चा में आया था. जासूसी से लेकर NSO के इसे बेचने को लेकर खूब खबरें भी आयी थी. अब एक बार फिर से एक सॉफ्टवेयर का नाम सामने आ रहा है. इस सॉफ्टवेयर का नाम Hermit है. खबरें हैं कि इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अलग-अलग देशों में जासूसी के लिए किया जा रहा है. इस जासूसी का शिकार मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, शिक्षक के अलावा सरकारी अधिकारी हो रहे हैं.
कैसे काम करता है Hermit स्पाइवेयर
बता दें कि ये स्पाईवेयर बाकी स्पावेयर ऐप से बिल्कुल अलग है. हरमिट किसी भी फोन में घुसने से पहले सबसे पहले डिवाइस का एंड्रॉयड वर्जन चेक करता है. कई बार ये फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम वर्जन का बिहेवियर एडॉप्ट कर लेता है. इसकी यही खासियत इसे दूसरे स्पाइवेयर से अलग बनाती है. यानी हरमीट अलग-अलग वर्जन के हिसाब से ढल कर जासूसी करता है. इस स्पाईवेयर को सबसे पहले कजाखस्तान में स्पॉट किया गया था.
इन देशों में भी हो चुका है स्पॉट
Hermit स्पाईवेयर का मामला सीरिया और इटली में भी देखा गया है. कजाख में ये भी मामला सामने आया कि कजाख सरकार ने अपनी पॉलिसीज के खिलाफ मोर्चा निकालने वाले प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए इसका इस्तेमाल किया.
एंड्रॉयड यूजर्स हैं टार्गेट
रिपोर्ट्स हैं कि हरमीट सॉफ्टवेयर को SMS के जरिए टार्गेट के फोन में इंस्टॉल किया गया था. यह एक तरह के फिशिंग अटैक जैसा है.