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रेलवे की हाईटेक तकनीक! अब कोरोना से बचाएगा AC… कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस से हवा को किया जाएगा फिल्टर

Indian Railways: लोगों को वायरस और बैक्टीरिया से बचाने के लिए अब रेलवे नए-नए प्रयास कर रहा है. अब एसी की मदद से हवा को फिल्टर जाएगा. ताकि हवा के साथ कोच में विषाणु, कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस न जा पाएं. अभी ये प्रयोग वंदे भारत एक्सप्रेस में किया जाएगा. उसके बाद दूसरी ट्रेनों में.

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हाइलाइट्स
  • हवा को फिल्टर और साफ किया जा सकेगा

  • रेलवे अभी कर रही है केवल प्रयोग 

रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है. रेल हाईटेक सुविधा के साथ यात्रियों को आधुनिकता का अहसास करा रही है. कोरोना के दौर में रेल सेवाएं काफी समय तक बंद रही है. ऐसे में ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की सेहत और इस बीमारी से लड़ने के लिए रेलवे ने अपने सिस्टम को अपग्रेड किया है. 

वंदे भारत एक्सप्रेस के वर्तमान डिजाइन में, वायु शोधन के लिए छत पर लगे आरएमपीयू मे कैटेलिटिक अल्ट्रा वायलेट वायु शोधन सिस्टम स्थापित किया गया है. ये असल में ट्रेन के अंदर हाईटेक तरीके से काम करेंगे. 

हवा को फिल्टर और साफ किया जा सकेगा

सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन (CSIO), चंडीगढ़ की सिफारिश के अनुसार, इस सिस्टम को एसी के दोनों सिरों में डिजाइन और स्थापित किया गया है. इससे ताजी हवा और वापसी हवा के जरिए आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस से हवा को फिल्टर और साफ किया जा सकेगा. 

कैसे करेगा ये सिस्टम काम?

सिस्टम में फिल्टर के सामने टाइटेनियम डाइऑक्साइड के साथ ट्यूबों में संलग्न 2 यूवीसी लैंप शामिल हैं. जिसके माध्यम से हवा एसी कोच में प्रवेश करती है. फोटो कैटेलिटिक एयर प्यूरीफायर में 30W UV लैंप, 254nm शामिल है. यह अल्ट्रा वायलेट किरणों को उत्पन्न करता है.  ये यूवी लाइट्स टाइटेनियम की रोड पर जब रोशनी डालती है तो एयर प्यूरीफायर बन जाता है, यानी हवा में जितने भी विषाणु होंगे सब नष्ट हो जाएंगे.  

रेलवे अभी कर रही है केवल प्रयोग 

अभी रेलवे इसे वंदे भारत में प्रयोग करने वाला है. लेकिन आने वाले दिनों में अन्य ट्रेनों में इसके इस्तेमाल की पहल की जाएगी. शुरुआती दौर में ये पायलट प्रोजेक्ट रहेगा, उसके बाद करीब 400 वंदे भारत ट्रेन में इस प्रोजेक्ट को जोड़ा जाएगा. 

रेलवे की मानें, तो कोरोना के इस दौर में रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों के लिए ये सफर टेंशन फ्री हो जाएगा. हालांकि, अभी कोच की सफाई के दौरान यूवी टेक्नोलॉजी का प्रयोग रेलवे पिछले 2 साल से कर रहा है लेकिन इस तरह की नई मशीन एसी के जरिए काम करे ये अपने आप ने काफी नया प्रयोग है.