हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने नई दिल्ली में दो दिन का HAL एवियोनिक्स एक्सपो 2023 का आयोजन किया है. इसका मकसद HAL का अपनी वैमानिकी क्षमताओं को प्रदर्शन करना है. इसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड ने देश के लिए अपनी क्षमताओं और योगदान का प्रदर्शन किया.
HAL एवियोनिक्स एक्सपो-
HAL यानी हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड बेंगलुरु में 1940 में इस कंपनी की शुरुआत की गई थी. आज हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड ने दिल्ली में अपना एवियोनिक्स प्रदर्शनी लगाई, जो दो दिवसीय एक्सपो है. यहां पर हाल ने करीब अपने 36 डिफरेंट एवियोनिक्स का डिस्प्ले किया. इसके साथ ही साथ HAL ने एयरफोर्स, आर्मी और नेवी के इस्तेमाल में लाई जाने वाली डोर्नियर एयरक्राफ्ट के तमाम एवियोनिक्स को भी डिस्प्ले किया है. यहां पर डोर्नियर एयरक्राफ्ट के मल्टी कॉम्बैट सिचुएशन में टारगेट को आईडेंटिफाई करने के सिस्टम को भी डिस्प्ले किया गया है. इसके साथ तेजस MK1 अल्फा को भी डिस्प्ले किया गया है. आपको बता दें कि हाल ही में एयरफोर्स ने 97 तेजस बनाने का आर्डर HAL को दिया है.
ग्लासडोर सिस्टम-
Mig 29k वह जहाज है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर के डेक से उड़ान भर सकते हैं.इस फाइटर प्लेन का इस्तेमाल नेवी करती है. इसका इस्तेमाल युद्ध या एंटी-इनसर्जेंसी जैसे हालात में किया जा सकता है. इस Mig 29 के कॉकपिट को डिस्प्ले किया गया है. इसमें देखा जा सकता है कि अलग-अलग जगह को चुन कर एक साथ किस तरीके से टारगेट किया जा सकता है या फिर उनको ध्वस्त किया जा सकता है. जरूरत के अनुसार इसमें बैठा पायलट अलग-अलग टारगेट्स को एक साथ टारगेट करते हुए उन्हें ध्वस्त कर सकता है या फिर उनको वार्निंग देकर अपने इलाके से दूर खदेड़ सकता है.
रेडर ट्रैकिंग डिटेक्शन सिस्टम-
डोर्नियर एयरक्राफ्ट नौसेना और कोस्ट गार्ड इस्तेमाल करती है. हाल ही में HAL ने डोर्नियर एयरक्राफ्ट हिंदुस्तानी कोस्ट गार्ड को हैंडोवर किया है. अगर डोर्नियर एयरक्राफ्ट की बात की जाए, LA इसको तटीय इलाके में इस्तेमाल में लाया जाता है. इस एयरक्राफ्ट को विदेश से पहले हिंदुस्तान में इंपोर्ट किया गया था, जिसकी देखरेख और अपग्रेडेशन HAL कर रही थी. हाल ही में HAL ने इस टेक्नोलॉजी को और आगे बढ़ते हुए इसमें डिजिटल स्क्रीन का प्रयोग करते हुए मल्टी पॉइंट सिस्टम रडार ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया है. जिसको दो भागों में विभाजित किया गया है. अगर इस टेक्नोलॉजी को आप देखें तो आप एक साथ मल्टी पॉइंट को एक साथ एक ही रडार के जरिए आप टारगेट और आईडेंटिफाई कर सकते हैं. इससे आप ये जान सकते हैं कि कौन सा जहाज आपके दुश्मन का है और कौन सा अपने देश का है.
ब्लैक बॉक्स-
HAL देश की एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो देश की सेवा और कमर्शियल स्पेस के लिए वायु एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर बनती है. हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट की सबसे इंपोर्टेंट मशीन ब्लैक बॉक्स होती है. जहाज के अंदर जो भी बातचीत हो रही है, जो भी एवियोनिक्स सिस्टम में कार्यवाही हो रही है, उसको ब्लैक बॉक्स रिकॉर्ड करता है और यह सिस्टम HAL ने मेक इन इंडिया के तहत भारत में डेवलप किया है. इस ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल उस समय भी होता है, जब किसी विपरीत परिस्थिति में हेलीकॉप्टर या एयरप्लेन क्रैश हो जाता है. इस एक्सपो का मुख्य मकसद HAL की नई टेक्नोलॉजी को स्टूडेंट्स और दुनिया के सामने रखना है.
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