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इलेक्ट्रिक गाड़ियों में क्यों लगती है आग, जानिए कैसे करें इससे बचाव

इलेक्ट्रिक कारें क्लीन एनर्जी पर काम करती हैं साथ ही इन्हें चलाने का खर्च किसी फ्यूल कार से काफी कम होता है. इलेक्ट्रिक कारों को बैटरी पैक की मदद से एनर्जी मिलती है. लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लापरवाही की वजह से इलेक्ट्रिक कार में आग लग चुकी है.

इलेक्ट्रिक कारों के साथ ख़ास सावधानी है जरूरी इलेक्ट्रिक कारों के साथ ख़ास सावधानी है जरूरी
हाइलाइट्स
  • गर्मी के दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की खबरें ज्यादा आती हैं

  • . इसे पीछे की वजह गाड़ियों में होने वाला शॉर्ट सर्किट है

हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड बाजार में बढ़ गई है. लेकिन आए दिन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की खबरें भी सामने आती रहती हैं.  दूसरी तरफ केंद्र सरकार फेम-2 समेत कई योजनाओं के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिशों में जुटी हुई है. इसके बावजूद सुरक्षा के लिहाज से इलेक्ट्रिक गाड़ियों में सुरक्षा की 100 फीसदी गांरटी नहीं है.  हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक कारों में आग लगने के कई मामले सामने आए हैं, जिनके बाद इनमें सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. इन हादसों को देखते हुए लोगों में  EV को लेकर मन हट जाता है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग क्यों और कैसे लगती है , 

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की वजह

गर्मी के दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की खबरें ज्यादा आती हैं. इसे पीछे की वजह गाड़ियों में होने वाला शॉर्ट सर्किट है. लोग अक्सर गाड़ियों में स्पार्क्स होने को अनदेखा कर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि गाड़ी के जिस तार से कंरट उतरता है उन्हें खुला नहीं छोड़ें. कई बार इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सर्विसिंग अनट्रेंड मैकेनिक से कराने पर भी ये खतरा पैदा होता है. ऐसे में गाड़ियों की सर्विसिंग की एजेंसी पर ही करानी चाहिए. 

बैटरियों की वजह से लगती है आग 

आग लगने की सबसे बड़ी वजह ईंधन लाइन या ईंधन टैंक का टूटना होता है. जबकि दूसरी ओर हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बैटरियों के कारण आग पकड़ते हैं. बैटरी में लगी आग ICE व्हीकल्स में लगी आग के मुकाबले  खतरनाक और इसे बुझाने में कठिनाई होती है. 

लिथियम-आयन बैटरी पर पानी डालना खतरनाक

पेट्रोल या डीजल से चलने वाली कारों में आग लगने पर उसे आसानी से बुझाया जा सकता है, जैसे ही कार का ईधन खत्म होता है, आग धीमी पड़ने लगती है. लेकिन लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाली कारों के साथ मुश्किल ये है कि आग की लपटें बुझने के बाद भी, बैटरी में ऊर्जा बाकी रहती है और स्पार्किंग होती रहती है, जिससे कार फिर से आग पकड़ लेती है. दूसरी तरफ अगर बैटरी लगी कार पर पानी डाला जाए, तो शॉर्ट सर्किट होने का खतरा बना रहता है. जानकारों के मुताबिक शॉर्ट सर्किट से आग और तेजी से फैलती है. वहीं बैटरी में भी रासायनिक तत्वों का इस्तेमाल होता है, जो जल्द ही आग पकड़ लेते हैं.

गलत चार्जर के इस्तेमाल से लग सकती है आग

स्मार्टफोन में आए दिन आग लगने की घटना सामने आती रहती है,  स्मार्टफोन में  भी लिथियम-आयन बैटरियों का इस्तेमाल होता है और लगातार इनमें भी आग लगने के कई मामले सामने आए हैं.  यहां तक लैपटॉप्स भी इससे अछूते नहीं हैं. इलेक्ट्रिक कारों में भी लिथियम-आयन बैटरी की इस्तेमाल होता है और अगर ये ज्यादा गर्म हो जाएं तो इनके फटने या आग लगने का खतरा होता है. वहीं गलत चार्जर का इस्तेमाल भी इनमें आग लगने की वजह बनता है. 

भारतीय मौसम से हो सकती है दिक्कत

वहीं भारतीय सर्टिफिकेशन एजेंसियां ARAI  और iCAT इलेक्ट्रिक वाहनों और उनकी बैटरियों का बेहतर ढंग से परीक्षण करने की  नई तकनीक  बनाने की  कोशिशों में जुटी हुई हैं.  बैटरी की टेस्टिंग को लेकर एआरएआई ने यूरोप की तरह नियमों को कड़ा कर दिया है. वहीं भारत में तो बैटरियों को लेकर और सचेत होने की जरूरत है, क्योंकि यहां का वातावरण, खराब सड़कें, ज्यादा तापमान और बाढ़ को देखते हुए बैटरी पैक सिस्टम को बेहतर ढंग से डिजाइन करने की जरूरत है. 

इस तरह कर सकते हैं बचाव 

अगर इलेक्ट्रिक गाड़ियों  के रखरखाव में भी कोई ढ़ील ना दी जाए तो भी गाड़ियों की उम्र लंबी होती है. नई इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियां सुरक्षा मानकों का ख्याल रखती हैं. 

ओवरलोडिंग से बचें

इलेक्ट्रिक कार में  ओवर लोडिंग करने से कार की बैटरी और मोटर पर ज्यादा लोड पड़ता है. ऐसे में आपको अपनी इलेक्ट्रिक कार में ओवरलोडिंग नहीं करनी चाहिए. इससे कार की बैटरी और मोटर खतरनाक स्तर तक गर्म हो सकती है जिससे आग लगने का रिस्क काफी बढ़ सकता है. 

ओरिजिनल पार्ट्स का करें इस्तेमाल

सेफ्टी के लिए इलेक्ट्रिक कारों में कभी भी लोकल पार्ट्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.  ऐसा करने से कार में आग लगने का रिस्क काफी बढ़ जाता है.  कंपनी के ओरिजिनल पार्ट्स थोड़े महंगे जरूर होते हैं लेकिन ये आपकी कार के लिए बेहद जरूरी होते हैं और सुरक्षा के नजरिये से भी ये बेहतर होते हैं.  ऐसे में आपको लोकल पार्ट्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.