यूं तो समझदार लोग WhatsApp का इस्तेमाल मैसेज फॉर्वर्ड करने के लिए करते हैं लेकिन कई बार इसपर कोई गलत जानकारी और फेक न्यूज भी फैलाई जाती है. वैसे तो यह इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए सुविधाओं की एक सूची को लागू करने का दावा करती रही है लेकिन फिर भी व्हाट्सएप यूजर्स को रोजाना कई फेक मेसेज मिलते रहते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि व्हाट्सएप पर मिलने वाली जानकारी को आप कैसे वेरिफाइड कर सकते हैं.
व्हाट्सएप पर मिली जानकारी को वेरिफाई करने के लिए भारत में 10 फैक्ट-चेक ऑर्गनाइजेशंस के पास वॉट्सऐप पर अपनी टिपलाइन है. इन टिपलाइनों को इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क (IFCN) द्वारा वेरिफाई किया जाता है. इन ऑर्गनाइजेशंस की मदद से फोटो, वीडियो और वॉयस रिकॉर्डिंग समेत अन्य कंटेंट को वेरिफाई किया जा सकता है. ये अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, मराठी और पंजाबी समेत 11 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करते हैं.
इन फैक्ट चेकर्स एजेंसियों की मदद से फर्जी खबरों की पहचान की जा सकती है. मौजूदा फैक्ट चेकर्स हैं -
AFP: +91 95999 73984
बूम: +91 77009-06111 / +91 77009-06588
फैक्ट क्रेस्केंडो: +91 90490 53770
फैक्टली: +91 92470 52470
इंडिया टुडे: +91 7370-007000
न्यूजचेकर: +91 99994 99044
न्यूजमोबाइल: +91 11 7127 9799
क्विंट WebQoof: +91 96436 51818
द हेल्दी इंडियन प्रोजेक्ट: +91 85078 85079
विश्वास न्यूज : +91 92052 70923 / +91 95992 99372
इन टिपलाइन के अलावा आईएफसीएन के पास खुद का डेडिकेटेड वॉट्सऐप चैटबॉट है, जो यूजर्स को मिली इंन्फार्मेशन को वेरिफाई करने में मदद करता है.
कैसे करें इस्तेमाल
यूजर्स को दिए गए फैक्ट-चेकिंग टिपलाइन्स के नंबर को अपने पास सेव करके रखना होगा. इसके अलावा वो उनके लिंक्स पर क्लिक करके उन्हें व्हाट्सएप पर "Hi" भेजकर अपनी जानकारी को वैलिडेट करा सकते है. ज्यादातर लिस्टेड फैक्ट-चेकिंग टिपलाइन्स मैसेजिंग ऐप पर उनकी लेटेस्ट किए गए फैक्ट-चेक कंटेंट तक पहुंच प्रदान करती हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चूंकि टिपलाइन अनिवार्य रूप से चैटबॉट हैं, इसलिए आपके द्वारा फीड की जाने वाली जानकारी को सत्यापित करने में उन्हें कुछ समय लगता है.
व्हाट्सएप पर मौजूद ज्यादातर फैक्ट चेकिंग टिपलाइन का मकसद फोटो, वीडियो, वॉइस और टेक्स्ट मेसेज के जरिए यूजर्स को मिलने वाली जानकारी को वेरिफाई करना है.
AFP: AFP फैक्ट चेक टिपलाइन को टेक्स्ट मेसेज, वीडियो और फोटोज की हकीकत चेक करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं को सपोर्ट करता है.
बूम : AFPकी तरह बूम भी अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं को सपोर्ट करता है. इसके अलावा यह बंगाली भाषा में भी काम करता है. यूजर्स इसकी मदद से उन्हें मिलीं फोटो, वीडियो, ऑडियो और टेक्स्ट को वेरिफाई कर सकते हैं. बूम के न्यूजलेटर को भी सब्सक्राइब किया जा सकता है.
फैक्ट क्रेस्केंडो : यह 9 भाषाओं को सपोर्ट करता है. इनमें बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, मराठी, ओडिया और तमिल शामिल हैं. यूजर्स की जानकारी को वेरिफाई करने के अलावा यह COVID-19 से जुड़ी जानकारी भी देता है.
फैक्टली : इसके जरिए किसी आर्टिकल, वीडियो और बाकी कंटेंट को वेरिफाई किया जा सकता है. यूजर फैक्टली के न्यूजलेटर का सब्सक्रिप्शन भी ले सकते हैं. यह सिर्फ अंग्रेजी में ही काम करता है.
इंडिया टुडे: इंडिया टुडे ग्रुप, फैक्ट चेक यूजर्स को मेसेज, फोटो या वीडियो के रूप में अपनी जानकारी सबमिट करने देता है. यह अंग्रेजी के अलावा हिंदी को भी सपोर्ट करता है.
न्यूजचेकर
न्यूजचेकर 9 भाषाओं में काम करता है जिसमें अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, मराठी, पंजाबी और उर्दू भाषा शामिल है. आप वेबसाइट पर मौजूद इनके डेली न्यूजलेटर को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं. कोई भी संदिग्ध मेसेज, फोटो और वीडियो इसके जरिए वैरिफाई किया जा सकता है.
विश्वास न्यूज और क्विंट वेबकूफ भी अन्य फैक्ट चेकर्स की तरह काम करती है. दोनों ही हिंदी और अंग्रेजी भाषा में मौजूद हैं.
द हेल्दी इंडियन प्रोजेक्ट
द हेल्दी इंडियन प्रोजेक्ट खासतौर पर हेल्थ इंफार्मेशन और फैक्ट्स को वैरिफाई करने के लिए बनाई गई है. इसके साथ ही यह डेली हेल्थ अपडेट को सब्सक्राइब करने का एक्सेस भी देती है.