पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले वाहनों की तरफ लोगों की दिलचस्पी बढ़ा रही है. लेकिन बात जब कीमत की आती है तो दोनों कारों के बीच काफी अंतर आ जाता है. जहां इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 13- 16 है तो वहीं हाइड्रोजन कारों की कीमत 50- 65 लाख के बीच होती है. दूसरी तरफ हाइड्रोजन कारें बाजार में उपलब्ध भी नहीं हैं और दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक कारें सीमित मात्रा में ही मिल रही हैं. इसके अलावा भी इन दोनों कारों के बीच बहुत सारी बातों का अंतर पड़ जाता है. आईये एक नजर डालते हैं.
इलेक्ट्रिक कार चलाने में प्रति किमी 1 रुपया खर्च आता है, तो वहीं हाइड्रोजन कार में प्रति किमी 2 रुपया खर्च आता है. दोनों कारों के बीच सबसे बड़ी चुनौती इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी है. देश में चार्जिंग स्टेशन तो शुरू हो चुके हैं. लेकिन हर जगह पहुंचने में इसे कम से कम 3 से 5 साल का वक्त लग जाएगा. दूसरी तरफ हाइड्रोजन गैस का ट्रांस्पोटेशन भी बहुत मंहगा है.
वहीं हाइड्रोजन और हवा की ऑक्सीजन से बिजली पैदा होती है. जिससे हाइड्रोजन कार चलती है. कार चलने के दौरान जो भी पानी पैदा होता है वो साइलेंसर से निकल जाता है. इलेक्ट्रिक कार में बैटरी से कार के पहियों की मोटर को ऊर्जा मिलती है. हांलाकि हाइड्रोजन कार में एनर्जी स्टोर करने के लिए बैटरी होती है. जो इलेक्ट्रिक कारों से 30 गुना हल्की होती है.
प्रदुषण के लिहाज से कौन सी कार बेहतर
इस मामले में हाइड्रोजन कारें बेहतर होती हैं. हाइड्रोजन कारों में ना ध्वनी प्रदुषण होता है और ना ही वायू प्रदुषण. वहीं इलेक्ट्रिक कारों में भी ये दोनों तरह के प्रदुषण कम मात्रा में निकलते तो जरूर हैं लेकिन इसमें लगी लीथियम आयन बैटरी का कच्चा माल जिन खदानों से निकलता है उनमें CO2 ज्यादा होती है. जो वायु प्रगुषण फैलाती है.
दोनों में से कौन सी कार ज्यादा सुरक्षित
हाइड्रोजन गैस अत्यंत ज्वलनशील होती है. इसलिए हादसे में आग पकड़ने का खतरा इलेक्ट्रिक कारों से ज्यादा होता है.