जब भी आप कोई नया स्मार्टफोन खरीदते हैं तो कुछ ऐप्स उसमें पहले से प्री-इंस्टॉल होते हैं. कई बार इनमें से कुछ ऐप्स आपके इस्तेमाल के नहीं होते हैं और क्योंकि यह आपकी फोन मेमोरी का स्पेस लेते हैं, तो आप इसे हटाने की कोशिश करते हैं. लेकिन ऐसा होता नहीं है. हालांकि अब सभी स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक खुशखबरी है. सरकार नए नियम लाने की योजना बना रही है जिसमें निर्माताओं को शामिल किया जाएगा ताकि उपयोगकर्ता इन पूर्व-स्थापित ऐप्स को हटा सकें.
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय प्रस्तावित नए सुरक्षा नियमों के तहत प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट की अनिवार्य स्क्रीनिंग पर विचार कर रहा है और निर्माताओं को पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स को हटाने की अनुमति देने के लिए भी मजबूर कर रहा है.
बाजार पर क्या पड़ेगा असर?
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने रायटर को बताया,“पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप एक कमजोर सुरक्षा बिंदु हो सकते हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि चीन सहित कोई भी विदेशी देश इसका शोषण न कर रहा हो. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.”जासूसी और यूजर डेटा के दुरुपयोग की चिंताओं के बीच इस कदम पर विचार किया जा रहा है. इस कदम का सीधा असर एपल, सैमसंग, श्याओमी और वीवो जैसी बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों के कारोबार पर पड़ेगा क्योंकि भारत दुनिया का नंबर 2 सबसे बड़ा बाजार है.
देना होगा Uninstall का विकल्प
नए नियम लागू होने के बाद कंपनियों को अनइंस्टाल का विकल्प देना होगा और नए मॉडल्स को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एजेंसी द्वारा अधिकृत लैब द्वारा अनुपालन के लिए जांचा जाएगा. रॉयटर्स द्वारा देखे गए आईटी मंत्रालय की बैठक के 8 फरवरी के गोपनीय सरकारी रिकॉर्ड में कहा गया, "भारत में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश स्मार्टफोन में पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स/ब्लोटवेयर हैं, जो गंभीर गोपनीयता/सूचना सुरक्षा मुद्दे हैं."