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Hyundai ने क्यों किया ग्राहकों को एक चाबी देने का फैसला, क्या कार की बिक्री पर होगा इसका असर?

हुंडई की सभी गाड़ियां जो हाई डिमांड में हैं उनपर ये स्ट्रेटजी लागू होती है. इसमें हुंडई की क्रेटा, अल्काजर, i20 शामिल हैं. कंपनी ने ये फैसला सेमी कंडक्टर की कमी को देखते हुए लिया है.

Hyundai Creta Hyundai Creta
हाइलाइट्स
  • सेमीकंडक्टर चिप की कमी की वजह से लिया फैसला

  • 6 महीने बाद मिलेगी दूसरी चाबी

कार निर्माता कंपनी Hyundai ने हाल ही में एक निर्णय लिया है. अब आपको कार खरीदने पर सिर्प एक ही स्मार्ट चाबी मिलेगी. जी हां, सही सुना आपने, अब से हुंडई क्रेटा, अल्काजार और i20 को खरीदते समय केवल एक ही चाबी आपको मिलेगी. इस फैसले के बाद से ही कंपनी काफी सुर्खियों में आ गई है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब हर कंपनी गाड़ी देते समय दो चाबी देती हैं तो हुंडई ऐसा क्यों कर रही है. दरअसल कंपनी ने चिप की कमी होने की वजह से ऐसा फैसला लिया है और ग्राहकों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. 

कंपनी ने क्यों लिया ये फैसला
दरअसल, पिछले दो सालों से कोरोना माहमारी की वजह से हर सेक्टर खासकर ऑटोमोबाइल खासकर प्रभावित हुआ है. इस समय पूरी ऑटो इंडस्ट्री सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही है. इन्ही सब वजहों को देखते हुए Hyundai ने ये तरकीब निकाली है. 

कब मिलेगी दूसरी चाबी?
हुंडई की वो सभी गाड़ियां जो हाई डिमांड में हैं उनपर ये स्ट्रेटजी लागू होती है. इससे कंपनी को एक संतुलन बनाने में काफी मदद मिलेगी. हुंडई की क्रेटा (S variant and higher),अल्काजर (all variants), i20 (Asta and higher)और i20 N line मॉडल इससे प्रभावित होंगे. हुंडई ने यह फैसला अस्थायी रूप से लिया है. लगभग 6 महीने बाद आपको कार की दूसरी स्मार्ट चाबी भी सौंप दी जाएगी.  

क्या है सेमीकंडक्टर चिप
चिप्स, सेमीकंडक्टर्स से बने प्रोसेसर होते हैं जो कंडक्टर और इंसुलेटर के रूप में कार्य करते हैं. यह अपने टर्मिनलों पर सिग्नल को प्रोसेस करते हैं. इसका उपयोग लगभग हर एक इलेक्ट्रिकऔर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और यहां तक ​​कि ऑटोमोबाइल सहित मशीनरी में भी किया जाता है. बढ़ती सुविधाओं की लिस्ट की वजह से कारों को अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक सामान मिल रहे हैं और उनमें से हर एक को डेटा प्रोसेस करने के लिए प्रोसेसर की आवश्यकता होती है.

ये प्रोसेसर आमतौर पर TSMC और Samsung द्वारा हाई-टेक फाउंड्री में निर्मित होते हैं. TSMC के पास दुनिया में सेमिकंडक्टर के बिजनेस का 50% से अधिक हिस्सा है. कोरोना महामारी की वजह से कच्चे माल की सप्लाई बाधित हुई थी जिस वजह से फोन, लैपटॉप और टैबलेट की मांग आसमान छूने लगी.