वैकल्पिक एनर्जी के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली सोलर एनर्जी (Solar energy) अब हमारी ऊर्जा जरूरत का एक अहम हिस्सा बनती जा रही है. सोलर एनर्जी की बढ़ती मांग को देखते हुए इस क्षेत्र में भी नए-नए प्रयोग भी हो रहे हैं. ऐसा ही एक नया प्रयोग है पेरोसाइट सौर सेल . जिसे IIT गुवाहाटी ने किया है. यह सोलप पैनल आम पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से बिल्कुल अलग है. हांलाकि ये सोलर पैनल बाकी दूसरे पैनल की तरह ही सूरज से बिजली बनाता है,लेकिन इसकी खासियत ये हैं कि ये बाकी सोलर पैनल के मुकाबले 21% से ज्यादा ज्यादा बिजली पैदा करने की क्षमता है.
ये सोलर पैनल पेरोव्स्काइट-बेस्ड उपकरणों से बनाया गया है. जिसमें रौशनी को रिसाइकिल करने की क्षमता है. इसे बनाने के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसकी एक और खासियत इसका कम लागत में बनना है. आपको बता दें कि केंद्र ने हाल ही में देश में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा दिया है, जो इस नए तरह के सौर सेल के विकास में एक बड़ी कामयाबी मानी जा सकती है.
इन सोलर पैनल के बारे में भी जान लीजिए
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (Monocrystalline Solar Panel)
मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline) सोलर पैनल की क्षमता पॉलीक्रिस्टलाइन सेल (Polycrystalline Cell) से काफी ज्यादा होती है. इन सेल की शुद्धता का स्तर मोनोक्रिस्टलाइन से बेहतर होता है. नतीजतन यह प्रति वर्ग फुट ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करता है.
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (Polycrystalline Solar Panel)
पॉलीक्रिस्टलाइन सेल सोलर पैनल (Solar Panel) सस्ता होता है, लेकिन खराब जल्दी होता है. पॉलीक्रिस्टलाइन सेल में सोलर पैनल तापमान का गुणांक 0.40 – 0.45 फीसदी होता है, जिसके कारण ऊर्जा गर्मी में नष्ट हो जाती है और उत्पादन कम हो जाता है.