scorecardresearch

IIT Madras BharOS: IIT मद्रास लाया स्वदेशी BharOS, मिलेगी कई बेहतरीन खूबियां

IIT मद्रास जल्द ही स्वदेशी BharOS को लॉन्च करने वाला है. जिसके आने के बाद भारतीय मोबाइल यूजर्स को Apple और Google ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस ओएस से करीब 100 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन यूजर्स को फायदा मिलेगा.

BharOS BharOS
हाइलाइट्स
  • देश के करीब 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स मिलेगा फायदा

  • मैनुअली नहीं करना होगा अपडेट

भारत में मिलने वाली सभी स्मार्टफोन में Apple और Google ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके चलते ही ये दोनों कंपनियां मोबाइल मार्केट में राज करती है. इन दोनों कंपनियों को चुनौती देने के लिए अब भारत ने अपना स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को लॉन्च करने की तैयारी में है. जिसका नाम BharOS. इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को  IIT मद्रास ने बनाया है. ये देश के करीब 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स को लाभान्वित कर सकता है. इसको डेवलप करने वाले डेवलपर्स का कहना है कि इससे यूजर्स को अधिक सिक्योरिटी मिलेगी. आइये जानते हैं इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में और इससे लोगों को क्या फायदा मिलेगा. 

BharOS से लोगों को मिलेंगे ये फायदे
मिलेंगा भरपूर स्टोरेज

BharOS नो डिफॉल्ट एप्स (एनडीए) फीचर के साथ आने वाला है. जिसके कारण यूजर्स को पहले से मुकाबले अधिक स्टोरेज स्पेस मिल सकेगा. इसके साथ ही इस ओएस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा जिन्हें वह यूज नहीं करना चाहते हैं या जिन पर उन्हें पूरी तरह से विश्वास नहीं कर सकते हैं. 

नहीं करना होगा OS अपडेट का इंतजार
BharOS में एंड्रॉयड फोन की तरह ही नेटिव ओवर द एयर (NOTA) अपडेट भी मिलेगा. लेकिन पहले की तरह इसका इंतजार नहीं करना होगा और ना ही यूजर्स को मैन्युअल रूप से इसे अपडेट करने की जरूरत पड़ेगी. इसके डेवलपर्स का दावा है कि नोटा अपडेट डिवाइस पर डाउनलोड और इंस्टॉल ऑटोमेटिक हो जाएंगे. 

मिलेगी बेहतर सिक्योरिटी और प्राइवेसी
इस ओएस में स्पेसिफिक प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विसेज (PASS) की सुविधा के साथ आने वाला है. जो उन ऐप को की आपके ऐप स्टोर पर दिखाएगा जो पूरी तरह से सेफ होंगे. इसके साथ ही यह ओएस कुछ सिक्योरिटी और प्राइवेसी स्टैंडर्ड को भी पूरा करता है. 

मनमाने चार्ज से मिलेगा छुटकारा
देश में BharOS के लॉन्च होने के बाद स्मार्टफोन की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है. दरअसल अभी स्मार्टफोन यूजर्स को OS के लिए Google पर पूरी तरह से निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में गूगल की तरफ से फोन के मनमाने चार्ज वसूले जाते हैं. इसके साथ ही ऐप बिलिंग पर लगने वाला टैक्स भी कम हो सकता है. फिलहाल इस समय BharOS उन संगठनों को ही प्रदान किया जा रहा है जिन्हें  प्राइवेसी और सिक्योरिटी की सख्त जरूरत है.