

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 के दूसरे दिन ह्यूमनाइ़ड रोबोट (Robo Soldiers & Cyber Hounds) पर सेशन पर हुआ. इस सेशन में ह्यूमनाइड रोबोट आकर्षण का केन्द्र बने. डॉ. मुकेश बांगर के बनाए एआई रोबो स्पेसिओ ह्यूमनाइड और गौरडिओ रोबो डॉग स्टेज पर डांस करते हुए नजर आए. दोनों रोबोट्स ने स्टेज पर डांस किया.
ह्यूमनाइड रोबोट को तैयार करने वाले डॉ. मुकेश बांगर ने एआई और रोबोट के बारे में विस्तार से चर्चा भी की. मुकेश बांगर ने स्पॉन्सर करने के लिए इंडिया टुडे का शुक्रिया अदा किया. मुकेश ने कहा कि अगर ऐसे ही बाकी मीडिया मदद करती तो हम अगले एआई सुपरस्टार होते.
डेंटिस्ट से रोबोटिक्स
मुकेश बांगर पहले एक डेंटिस्ट थे. उन्होंने अपने करियर को पूरी तरह से बदल दिया और रोबोटिक्स में कदम रखा. मुकेश ने बताया कि उनकी मां चाहती थी कि वो डॉक्टर बनें. मां के लिए डेंटिस्ट बना. मुकेश ने 2018 में डॉक्टरी छोड़ दी और अपने पैशन को फॉलो करने का निर्णय लिया. इस बारे में मुकेश ने कहा, यह किसी और का सपना था, मेरा नहीं.
यूट्यूब से सीखा रोबोटिक्स
मुकेश ने किसी इंस्टीट्यूट से रोबोटिक्स नहीं सीखी. उन्होंने यूट्यूब वीडियो देखकर और किताबें पढ़कर रोबोटिक्स सीखी. मुकेश ने बताया कि उन्होंने किसी भी विश्वविद्यालय में एडमिशन नहीं लिया बल्कि यूट्यूब वीडियो देखकर और किताबें पढ़कर खुद को रोबोटिक्स सिखाया. इस तरह मैंने खुद को रोबोटिक्स सिखाया.
भारत में पहला AI पावर्ड ह्यूमनॉइड
मुकेश बांगर ने भारत में पहला एआई पावर्ड ह्यूमनॉइड बनाया है. उन्होंने बताया, "यह पूरी तरह से मेक इन इंडिया प्रोडक्ट है. हमने इसे स्क्रैच से बनाया है. यह ह्यूमनॉइड अलग-अलग इंडस्ट्री के लिए उपयोगी हो सकता है जैसे कि होटल, हॉस्पिटैलिटी और इंडस्ट्रियल.
Watch Spaceo Humanoid and Guardeo Robo Dogs by Muks Robotics!
— IndiaToday (@IndiaToday) March 8, 2025
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मुकेश बांगर ने बताया कि यह एआई रोबो पूरी तरह से मेक इन इंडिया है. इस रोबोट के तीन वर्जन हैं, एएम 1, प्राइम और प्रो. प्रो रोबो घर के काम और हॉस्पिटैलिटी के लिए है. मुकेश ने कहा, हमारा कंपटीशन इंडिया में नहीं है. मेरा कंपटीशन चीन और अमेरिका से है.
AI का फ्यूचर
मुकेश बांगर ने बताया कि रोबोटिक्स और एआई का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. उन्होंने कहा, "रोबोट्स का उपयोग डिफेंस के लिए भी किया जा सकता है. भविष्य में भारत के रक्षा क्षेत्र में भी रोबोट बड़े काम आएंगे. इन रोबोट को बम को डिफ्यूज करने के लिए भेजा जाएगा. साथ ही इनको खतरनाक जगहों पर भेजा जा सकता है.
उन्होंने यह भी बताया कि वे डीआरडीओ के साथ चर्चा में हैं और दो रोबोट्स को उनके साथ काम करने के लिए तैयार कर रहे हैं. भविष्य में लोगों की जॉब जाने के सवाल पर मुकेश बांगड़ ने कहा कि लोगों को डर रहता है कि इससे नौकरी तो नहीं जाएगी. रोबोट से नौकरी के नए अवसर मिलेंगे क्योंकि रोबो बनाने में लोगों की ही जरूरत होगी. इस वजह से चिंता करने की जरूरत नहीं है.
एआई कितना खतरनाक?
एआई वाकई में हमें कंट्रोल कर सकता है. इस सवाल पर डॉ. संजय बांगर ने कहा, पृथ्वी के बाहर के मिशन के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जा सकता है. हम धरती के बाहर ज्यादा दिन रह नहीं सकते हैं लेकिन रोबोट ऐसा कर सकते हैं. फिलहाल हमारे पास क्लास 1, क्लास 2 और क्लास 3 रोबो हैं. क्लास 3 रोबो सोच सकते हैं लेकिन वो इस प्लानेट के बाहर कर सकते हैं. धरती पर ऐसा संभव नहीं है.