केंद्र सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए सवा सौ से ज्यादा बेटिंग ऐप यानी सट्टेबाजी ऐप और 94 लोन देने वाले ऐप को भारत में बैन कर दिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय ने भारत की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन ऐप्स पर बैन करने का फैसला लिया. इससे पहले भी भारत सरकार सैंकड़ों चीनी ऐप को बैन कर चुकी है.
बैन किए गए 200 से ज्यादा ऐप्स
खबर है कि सट्टेबाजी और लोन देने वाले इन सभी ऐप्स का लिंक चीन से था. ऐसे में भारत की सुरक्षा के लिए इसे खतरनाक बताया गया और अर्जेंट ब्लॉक करने का आदेश दिया गया. बैन होने वाली लिस्ट में कुल 134 बेटिंग ऐप्स हैं और 94 लोन देने वाले ऐप्स हैं. इन सभी ऐप्स को आईटी एक्ट सेक्शन 69 के तहत बैन किया गया है.
ज्यादातर ऐप्स प्ले स्टोर पर नहीं
जिन ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया गया है उनमें से ज्यादातर प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है. ये थर्ड पार्टी लिंक या वेबसाइट के जरिए डाउनलोड किया जा रहा था. सट्टेबाजी वाले कई ऐप्स ऐसे थे जो क्रिप्टो करेंसी में पेमेंट एक्सेप्ट करते थे.
लोन लेने वाले व्यक्ति को भेजा जाता था गंदे मैसेज
एनएनआई के अनुसार लोन देने वाले ऐप्स उन व्यक्तियों को टारगेट करते थे जिनको पैसे की सख्त जरूरत होती थी. और लोन देने के बाद इंट्रेस्ट रेट को सलाना 3000 फीसदी तक बढ़ा दिया जाता था. अगर व्यक्ति इंटरेस्ट नहीं चुका पाता या चुकाने में देर करता तो लोन लेने वाले व्यक्ति को परेशान करना शुरू कर दिया जाता था. न सिर्फ उन्हें गंदे मैसेज भेजना बल्कि उनके संपर्क के लोगों को भी गंदे मैसेज भेजकर परेशान किया जाता था.
पहले भी चीनी ऐप पर लग चुका है बैन
भारत सरकार ने जून 2020 में भी 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था. ये सारे ऐप्स या तो चीन से ऑपरेट हो रहे थे या चीन से संबंधित थे. जिनमें यूसी न्यूज, यूसी ब्राउजर, टिक टॉक, शेयरइट, वीचैट, हेलो, लाइक, बिगो लाइव, ईएस फाइल एक्सप्लोरर और एमआई कम्युनिटी जैसे लोकप्रिय एप्लीकेशन शामिल हैं.