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बिना ड्राइवर के ऑटोमैटिक चलेगी ट्रेन, इस नए सिस्टम से होगा ट्रैफिक मैनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंट्रोल

बिना ड्राइवर के भी भारत में जल्द ट्रेन चलती दिखेंगी. ये ट्रेनें ऑटोमैटिक होंगी. इसके लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं.

भारतीय रेलवे भारतीय रेलवे
हाइलाइट्स
  • बिना ड्राइवरों के चलती दिखेगी ट्रेन

  • पारंपरिक सिग्नलिंग सिस्टम से बेहतर होगा ये नया सिस्टम

भारत को अपने रेलवे नेटवर्क के लिए जाना जाता है. अब जल्द ही पारंपरिक रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम में बड़े पैमाने पर बदलाव होने जा रहा है. जल्द ही भारत में बिना इंसानोंय ड्राइवरों के भी ट्रेन चलती दिखेंगी. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DMRC) के साथ संयुक्त रूप से एक स्वदेशी ट्रेन कंट्रोल सिस्टम ( i-CBTC) शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.  i-CBTC, को भारत में पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है. इसके तहत मेट्रो और ट्रेनों को बिना इंसानों के भी ऑपरेट किया जा सकेगा. इससे जहां रेलवे में एक बड़ा बदलाव आएगा वहीं  'आत्मनिर्भर भारत' मिशन को भी बढ़ावा मिलेगा. 

भारत का रेलवे नेटवर्क एशिया में सबसे बड़ा 

बताते चलें कि यह प्रोजेक्ट आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के दायरे में शुरू होने जा रहा है.  भारत का रेलवे सिस्टम दुनिया में चौथे नंबर का है. 31 मार्च 2022 तक इसकी लंबाई 68,103 किमी (42,317 मील) मापी जा चुकी है. ये एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और वन मैनेजमेंट के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है.

क्या है i-CBTC?

दरअसल, i-CBTC एक मॉडर्न कम्युनिकेशन सिस्टम है जो समय पर और ट्रेन कंट्रोल की सटीक जानकारी देता है. इसके लिए ये एक रेडियो संचार का उपयोग करता है. अब इसी कड़ी में यह एडवांस सिस्टम मेट्रो और ट्रेनों के मानव रहित संचालन को सक्षम करेगी. 

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की प्रेस रिलीज के मुताबिक, "यह भारत में स्वदेशी रूप से निर्मित सिग्नलिंग सिस्टम के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है और मेट्रो सिग्नलिंग और ट्रेन नियंत्रण प्रणाली में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह इनोवेशन को बढ़ावा देगा और स्थानीय कौशल को बढ़ाएगा. इसके अलावा  मेट्रो की तैनात किये जा रहे लोगों में जो खर्च आता है उसे कम करेगा. 

कैसे है पारंपरिक सिग्नलिंग सिस्टम से बेहतर?

गौरतलब है कि ये नया सिस्टम ट्रैफिक मैनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंट्रोल के लिए ट्रेन और ट्रैक उपकरण के बीच दूरसंचार का उपयोग करता है. यह ट्रेन की सटीक स्थिति को ट्रैक करने में मदद करता है, जो पारंपरिक सिग्नलिंग सिस्टम से बेहतर है. यह रेलवे ट्रैफिक के मैनेजमेंट के लिए एक अधिक कुशल और सुरक्षित तरीका है. i-CBTC दुनिया भर में मास-ट्रांजिट रेलवे ऑपरेटरों की पहली पसंद है. मौजूदा समय समय में इसके दुनिया भर में सौ से ज्यादा सिस्टम स्थापित हैं.