1 अक्टूबर से शुरू हुए इंडियन मोबाइल कांग्रेस में एक से बढ़कर एक 5G डिवाइस लॉन्च हो रही है. अलग-अलग कंपनियां इसमें अपने नए-नए आविष्कार दिखा रही हैं. इसी इवेंट में जियो ने 5 जी कनेक्टेड एक एम्बुलेंस पेश की है. ये एक ऐसी एम्बुलेंस है, जो मरीज के अस्पताल पहुंचने से पहले पहले उसकी सारी अहम डिटेल रियल टाइम में अस्पताल को डिजिटली पहुंचा देगा. इसका मतलब ये है कि इमरजेंसी की स्थिति में गंभीर मरीज को अस्पताल पहुंचने से पहले ही डॉक्टर इलाज के लिए जरूरी मेडिकल इंतजाम कर सकता है. आने वाले समय में मेडिकल इंडस्ट्री में इस पहल से कई सारे सुधार होने वाले हैं.
गांव के लोगों को मिलेंगे मूलभूत मेडिकल सुविधाएं
इसके अलावा इवेंट में जियो पवेलियन में एक ऐसी रोबोटिक आर्म भी देखने को मिली, जिससे एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड काफी आसानी से हो सकेगा. दरअसल Jio True 5G की मदद से सैकड़ों मील दूर बैठा रेडियोलॉजिस्ट या सोनोग्राफर इसे आसानी से चला सकता है. इस रोबोटिक आर्म की मदद से शहर में बैठा रेडियोलॉजिस्ट ग्रामीण लोगों के साथ जुड़ सकेगा. यानी एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए गांव के लोगों को शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. इतना ही नहीं उन्हें घर बैठे रिपोर्ट भी मिल जाएगी.
टेक्निकल सॉल्युशंस पर काम कर रहा है रिलायंस
रिलायंस दिवाली पर 5G सर्विस की शुरुआत कर रहा है. अपने True 5G की हाई स्पीड और लो-लेटेंसी के भरोसे, रिलायंस जियो रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने के लिए टेक्निकल सॉल्युशंस पर भी काम कर रही है. इनमें से एक है जियो 5जी हेल्थकेयर ऑटोमेशन.
5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स देंगे दवाइयां
कोविड महामारी के दौरान अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में कई फ्रंटलाइन वर्कर्स को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. अब रिलायंस जियो ऐसे 5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स की तकनीक पर काम कर रहा है जो आइसोलेशन वार्ड्स में जाकर मरीजों को आसानी से दवाइयां पहुंचा सके. साथ ही समय-समय पर उन्हें खाना भी पहुंचा दे.
गलती का नो-चांस
क्लाउड बेस्ट 5जी कंट्रोल्ड रोबोट्स के इस्तेमाल के कारण गलती की कोई गुंजाइश नहीं होगी. रोबोट फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम से इनका रखरखाव और सेनेटाइजेशन भी इंसानों की तुलना में आसान होगा और सबसे बड़ी बात हजारों फ्रंटलाइन वर्कर्स और मरीजों की जान बचाई जा सकेगी.