देश का पहला 5जी ग्रामीण ब्रॉडबैंड लगाने का काम शुरू हो चुका है, इसकी शुरूआत प्रौद्योगिकी परीक्षण ने अजोल गांव से कर दी है, जिसे बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) उनावा शहर में 17 किमी दूर लगाया गया है. दूरसंचार विभाग (डीओटी) के प्रतिनिधियों और दो निजी मोबाइल सेवा प्रदाताओं के अलावा एक टीम ने इसकी स्पीड मापने के लिए अजोल गांव का दौरा किया. अधिकारियों ने 105.47 एमबीपीएस डाउनलोड स्पीड और 58.77 एमबीपीएस अपलोड स्पीड दर्ज की.
5G तकनीक को मिलेगा बढ़ावा
DoT के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जिन तकनीकों का परीक्षण किया जा रहा है, उनमें 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी कंटेंट प्लेबैक, एक वर्चुअल-रियलिटी कनेक्टेड क्लासरूम है, इसकी सबसे बड़ी खासियत बच्चों की ऑनलाइन स्टडी को बेहतर बनाना होगा. इस तकनीक के आ जाने से ऑनलाइन पढ़ाई की दुनिया में एक नई मिसाल पैदा होगी, ये ठीक वैसा ही होगा जैसे बच्चे क्लासरूम में बैठ कर टीचर से बातें कर रहे हैं, जबकी ये पूरी तरह से वर्चुअली रहेगा.
एक अलग ही दुनिया का एहसास कराएगी ये तकनीक
इस 5G तकनीक का एक और इस्तेमाल किए जाने की योजना बनाई जा रही है, इस योजना को DoT परीक्षण का नाम दिया गया है. इस तकनीक की मदद से यूजर्स किसी भी ऑबजेक्ट या लोंगो को पहचान सकते हैं. जिनसे वो पहले से पूरी तरह से अनजान हैं.