भारत सरकार अपने गोपनीय दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर काफी सजग है. अब सुरक्षित रूप से फाइलों की इलेक्ट्रॉनिकली आवाजाही के लिए अपना क्लाउड प्लेटफार्म GovDrive के रूप में होगा. भारतीय आईटी कंपनी कॉरपोरेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CIPL) को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. CIPL भारत सरकार के लिए क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म 'गोव-ड्राइव' (GovDrive) बनाने वाला है.
पहला सरकारी-ड्राइव होगा ये
CIPL को भारत सरकार का पहला सरकारी-ड्राइव बनाने का ठेका मिला है. ये ठेका 240 करोड़ रुपए में दिया गया है. सीपीआईएल के मुताबिक इस gov drive प्रोजेक्ट से गोपनीयता को लेकर भारत सरकार का संशय दूर होगा. नोएडा की आईटी कंपनी कॉरपोरेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CIPL) को भारत सरकार के लिए एक बेहद सुरक्षित एप्लीकेशन विकसित करने के लिए 'गोव-ड्राइव' (GovDrive) परियोजना का काम मिला है.
सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर करीब 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को क्लाउड आधारित तकनीकी के माध्यम से फाइलों के आदान-प्रदान करने में आसानी होगी. गोपनीय फाइलों को हाथों-हाथ भेजने के बजाए अब GovDrive एप्लीकेशन के माध्यम से तुरंत ही भेजा जा सकेगा. इस प्रक्रिया में सूचना के आदान-प्रदान में तेजी तो आएगी ही साथ ही समय की भी बचत होगी.
बता दें, GovDrive केंद्र सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसके माध्यम से केंद्र एवं केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित अलग-अलग मंत्रालयों, विभागों, वैधानिक निकायों, न्यायपालिका, आयोगों, संवैधानिक पदाधिकारियों, एजेंसियों और शीर्ष सलाहकार निकायों के 50 लाख से भी ज्यादा सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक से दूसरे ऑफिस में निर्बाध रूप से अपने काम को अच्छी तरह करने और उसे सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी.
सरकार और कंपनी के बीच हुआ है कॉन्ट्रैक्ट
सीआईपीएल द्वारा विकसित की जाने वाली gov drive एप्लीकेशन, क्लाउड तकनीक पर आधारित होगी जिसके माध्यम से फाइलों की मूवमेंट तो तेज होगी ही साथ ही इसकी गोपनीयता को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा. इस परियोजना पर काम करने वाली कंपनी, कॉरपोरेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CIPL) के एमडी और सीईओ विनोद कुमार ने GovDrive प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिलने पर कहा कि देश सेवा के लिए हमें इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए चुने जाने पर गर्व है. ये कॉन्ट्रैक्ट हमारे क्लाइंट की जरूरतों को पूरा करने एवं आईटी के क्षेत्र में अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने के हमारे समर्पण को दिखाता है. हम इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने और सरकार के साथ हर संभव सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
गौरतलब है कि कॉरपोरेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड-एक वन स्टॉप टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन है. 2007 में इसकी शुरुआत हुई थी. कंपनी का टर्नओवर 5 करोड़ से अब 450 करोड़ रुपए हो गया है.