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12 साल के बच्चे ने बनाया देसी कंप्यूटर प्रोग्राम, एलेक्सा से ज्यादा और बढ़‍िया फीचर्स से लैस

इंदौर शहर के अवि शर्मा ने महज 2 हफ्तों में एक देसी कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार क‍िया है. इसमें एलेक्सा से भी ज्यादा और अच्छे फीचर मौजूद हैं. 12 साल की उम्र में यह कामयाबी हास‍िल करने वाले अव‍ि का कहना है क‍ि उन्हें इसकी प्रेरणा माता-प‍िता के सहयोग और बड़ों के आशीर्वाद से म‍िली है.

Avi Sharma Avi Sharma
हाइलाइट्स
  • मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं अव‍ि शर्मा

  • महज 2 सप्ताह की मेहनत में तैयार क‍िया कंप्यूटर प्रोग्राम

कहा जाता है कि अगर पूरी मेहनत और लगन से किसी काम को किया जाता है तो सफलता जरूर हासिल होती है. कामयाबी किसी उम्र के बंधन की मोहताज नहीं होती है. महज 12 साल की उम्र में ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है इंदौर के अवि शर्मा ने जिन्होंने 12 साल की उम्र में ही आवाज से चलने वाला एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया है जिसकी मदद से कंप्यूटर को ऑपरेट किया जा सकता है.

इंदौर शहर के अवि शर्मा किसी पहचान के मोहताज नहीं है. अव‍ि एक मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक भी हैं. कुछ समय पहले अवि ने 250 छंदों की बाल मुखी रामायण की रचना भी की थी. वहीं अब इस बाल वैज्ञानिक ने 1700 से ज्यादा कोडिंग के माध्यम से एक वॉइस ऑपरेटिंग प्रोग्राम तैयार किया है जिसके माध्यम से बोलने पर ही कंप्यूटर काम करने लगेगा.

अवि शर्मा के अनुसार उन्होंने 2 सप्ताह की मेहनत से यह प्रोग्राम तैयार किया है. प्रोग्राम तैयार करने के लिए इंटरनेट के अलग-अलग माध्यमों से उन्होंने चीजों को सीखा है. यह प्रोग्राम मुख्य तौर पर कंप्यूटर पर वॉइस कमांड के साथ काम करेगा. इस प्रोग्राम में भाषा परिवर्तन की भी सुविधा दी गई है जिसके माध्यम से बोले जाने वाली भाषा को परिवर्तित किया जाएगा. 

अवि का कहना है कि उन्हें इस प्रोग्राम को तैयार करने की प्रेरणा बुजुर्गों और विशिष्ट जनों से मिली है. आज के समय में कंप्यूटर हर किसी की आवश्यकता बन गया है. ऐसे में जो लोग इसे ऑपरेट नहीं कर पाते हैं उनके लिए यह प्रोग्राम काफी हद तक मदद करेगा.
अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने में भी अव‍ि द्वारा तैयार किया गया यह प्रोग्राम काफी हद तक मददगार होगा. 

अवि ने बताया कि जो प्रोग्राम उनके द्वारा तैयार किया गया है वह एक वॉइस कमांड प्रोग्राम है जिसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी संचालित किया जा सकता है. अगर घर पर वाईफाई की सुविधा उपलब्ध है तो घर के लाइट पंखे और AC को भी इस प्रोग्राम के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है. इस प्रोग्राम के माध्यम से बुजुर्गों व दिव्यांग जनों को काफी हद तक मदद मिलेगी. प्रोग्राम तैयार करने की प्रेरणा भी इन्हीं से मिली है. 

अवि के माता पिता अवि की सफलता से काफी खुश हैं. अवि का कहना है कि माता-पिता के सहयोग और मार्गदर्शन से ही वे सफलता के आयाम हासिल कर पाए हैं.

(धर्मेन्द कुमार शर्मा की र‍िपोर्ट)