scorecardresearch

Fake News रोकने की पहल! WhatsApp लॉन्च करेगा हेल्पलाइन, लोगों को मिलेगा AI-जनरेटेड कंटेंट और Deepfake से छुटकारा

WhatsApp एक सेफ्टी फीचर लॉन्च करने वाला है. इसकी मदद से एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण तैयार किया जा सकेगा. साथ ही यूजर्स भी आत्मविश्वास के साथ व्हाट्सएप पर किसी भी सामग्री को आगे भेज सकेंगे.

Whatsapp Features Whatsapp Features
हाइलाइट्स
  • गलत सूचना रोकने की चुनौती

  • यूजर्स होंगे सशक्त 

इंटरनेट पर आए दिन फेक न्यूज का चलन बढ़ता जा रहा है. अब इसी कड़ी में गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए व्हाट्सएप (WhatsApp) ने कदम उठाया है. विशेष रूप से AI-जनरेटेड कंटेंट (AI-generated content) और डीपफेक (deepfake) के माध्यम से जो भी फेक न्यूज बनाई और फैलाई जा रही है उसे कम किया जाएगा. व्हाट्सएप, मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (MCA) के सहयोग से, एक सेफ्टी फीचर लॉन्च करने के लिए तैयार है. इस पहल की मदद से एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण तैयार किया जा सकेगा. साथ ही यूजर्स भी आत्मविश्वास के साथ व्हाट्सएप पर किसी भी सामग्री को आगे भेज सकेंगे.

गलत सूचना रोकने की चुनौती

आज की दुनिया में गलत सूचना या जिसे हम फेक न्यूज भी कहते हैं, एक बड़ी चुनौती बन गई है. इसमें भी एआई-जनरेटेड कंटेंट और डीपफेक इसे और भी मुश्किल बना रहे हैं. इनसे ऐसा कंटेंट तैयार किया जा रहा है जो विश्वसनीय स्रोतों में विश्वास को खत्म कर सकता है. ऐसे में इस मुद्दे के समाधान की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुए, मेटा और एमसीए सक्रिय उपायों को लागू करने के लिए एकजुट हुए हैं.

सम्बंधित ख़बरें

व्हाट्सएप हेल्पलाइन: आशा की किरण

व्हाट्सएप हेल्पलाइन गलत सूचना से निपटने के इच्छुक उपयोगकर्ताओं के लिए एक संसाधन के रूप में काम करेगी. इसकी मदद से यूजर आसानी से संदिग्ध मैसेज को रिपोर्ट कर सकेंगे. चाहे वह कोई बहकाने वाला टेक्स्ट मैसेज हो, इमेज हो या वीडियो हो, यूजर्स तेजी से उस कंटेंट को मार्क कर सकेंगे और उसकी जांच के लिए आगे रिपोर्ट कर सकते हैं. 

कई भाषा में होगी उपलब्ध 

भारत की भाषाई विविधता को पहचानते हुए, व्हाट्सएप हेल्पलाइन अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में उपलब्ध होगी. इससे देश भर के यूजर्स इसे इस्तेमाल कर सकेंगे. मार्च 2024 तक इसके लॉन्च होने की उम्मीद की जा रही है. 

यूजर्स होंगे सशक्त 

मेटा और एमसीए के बीच हुए इस एमओयू की मदद से आसानी से गलत सूचना से निपटा जा सकेगा. इस पहल का उद्देश्य डिजिटल इकोसिस्टम के भीतर जवाबदेही और पारदर्शिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है. मजबूत पहचान, रोकथाम और रिपोर्टिंग मैकेनिज्म के माध्यम से, यूजर्स के ऑनलाइन माहौल को और भी सुरक्षित बनाया जा सकता है. 

पहल के तहत एक समर्पित 'डीपफेक एनालिसिस यूनिट' बनाई जाएगी. इसका काम रिपोर्ट की गई सामग्री को वेरीफाई करना और गलत सूचना को हटाना होगा. पहचान, रोकथाम, रिपोर्टिंग और जागरूकता को शामिल करते हुए व्हाट्सएप हेल्पलाइन यूजर्स को को विश्वसनीय जानकारी के साथ सशक्त बना सकेगी. इतना ही नहीं इसकी मदद से डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा.