इंस्टाग्राम आखिरकार अपना क्रोनोलॉजिकल फीड वापस ला रहा है. इंस्टाग्राम के प्रमुख एडम मोसेरी के अनुसार, फीचर का परीक्षण किया जा चुका है और इस साल की पहली छमाही में लोगों के ऐप के फाइनल वर्जन में आ जाएगा. यूजर्स के पास अब चुनाव के लिए तीन विकल्प होंगे. पहला, "फॉलोविंग", जो क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर में पोस्ट दिखाएगा तो वहीं दूसरा "फेवरेट्स" होगा जो पसंद के अकाउंट्स से पोस्ट दिखाएगा. इनके अलावा 'होम' फीड ऑप्शन के साथ यूजर्स को वैसे ही फीड पोस्ट्स दिखेंगी, जैसी अभी दिखती हैं. इनमें पोस्ट्स का क्रम यूजर की पसंद से जुड़ा होता है.
शुरुआत से ही है क्रोनोलॉजिकल फीड का फीचर
इंस्टाग्राम में शुरू से ही क्रोनोलॉजिकल फीड का फीचर था. लेकिन 2016 में, यह एक एल्गोरिथम में बदल गया. लोगों के व्यवहार पर नज़र रखने की कोशिश करने और अनुमान लगाने के लिए कि वे फेसबुक पर क्या देखना चाहते हैं, उनकी पसंद के ही पोस्ट दिखाए जाने लगे. इस बदलाव को उन यूजर्स का विरोध झेलना पड़ा, जिन्होंने महसूस किया कि वे ऐसे में जरूरी पोस्ट से चूक जाएंगे. वे नहीं चाहते थे कि स्वचालित सिस्टम उनके ऐप को कंट्रोल करें. उस समय उन पोस्ट के भीतर अधिक विज्ञापनों को शामिल किया जा रहा था, जो यूजर्स के गुस्से का दूसरा कारण बने.
अमेरिका ने इसके लिए बनाए हैं कानून
क्रोनोलॉजिकल फ़ीड के जुड़ने से न केवल कुछ यूजर्स का गुस्सा आता है, बल्कि इंस्टाग्राम और मेटा के लिए नियामक और कानूनी चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं. इसे पर उठे सवालों ने संभावित कानूनी समाधान भी निकाले हैं. अमेरिका में इसके लिए दो कानून प्रस्तावित हैं - खतरनाक एल्गोरिथम अधिनियम एल्गोरिथम ऑर्डरिंग से अमेरिकियों की रक्षा करेगा वहीं फिल्टर बबल पारदर्शिता अधिनियम उपयोगकर्ताओं को क्रोनोलॉजिकल फीड पर स्विच करने की अनुमति देगा. वर्तमान में, दुनियाभर में एक अरब से ज्यादा लोग इंस्टाग्राम ऐप इस्तेमाल करते हैं और रोजाना इस ऐप पर औसतन 53 मिनट का समय बिताते हैं.