प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने ज्यादा साल पुराने वाहनों को डीरजिस्टर यानि उनका ‘पंजीकरण रद्द’ करना शुरू कर दिया है. यानी अगर आप भी ऐसे वाहन चला रहे हैं जो कई साल पुराना है तो हो सकता है सरकार उसे बंद कर दे. ये नियम देश की राजधानी दिल्ली में लागू हो चुका है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने 27 मार्च तक राजधानी में 54 लाख से अधिक 'ओवरएज' वाहनों को 'डीरजिस्टर' कर दिया है. डीरजिस्टर किए गए वाहनों में ऑटोरिक्शा, कैब और दोपहिया वाहन शामिल हैं. आंकड़ों, और इनमें से कुछ को 1900 और 1901 में रजिस्टर किया गया था.
स्क्रैपिंग के लिए भेजने का अभियान शुरू
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 मार्च को परिवहन विभाग ने ओवरएज वाहनों को सीधे स्क्रैपिंग के लिए भेजने का अभियान शुरू किया. इसे लेकर दिल्ली के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा ने कहा, “एवरेज व्हीकल के मालिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त करें और इन्हें ऐसे राज्य में बेच दें जहां ये चलने के लिए उपयुक्त हों. अगर ये शहर की सड़कों पर चलते हुए या पार्क किए गए पाए जाते हैं, तो ये स्क्रैपर को सौंपे जा सकते है.”
क्यों किया जा रहा है इन्हें 'डीरजिस्टर'?
दरअसल, 2014 में, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने एक आदेश पारित किया, जिसमें 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बाद, 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि 10 और 15 साल से पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को दिल्ली में चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
खुद डीरजिस्ट्रेशन कैसे करवाएं?
खुद अगर आप डीरजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो सबसे पहले रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) का दौरा करें. इसके बाद, आरटीओ को एक पत्र लिखना होगा, जिसमें आपकी कार का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का अनुरोध किया गया होगा. एक बार जब ये आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा, अब आपका परिवहन लीगल नहीं रहेगा. यानि अब इसे आप 'स्क्रैप' करवा सकते हैं.
हालांकि, अगर आप डीरजिस्ट्रेशन नहीं करवाना चाहते हैं तो ऐसे मामले में, एक व्यक्ति के पास दो विकल्प हैं. पहला, कार को एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में परिवर्तित करना. या दूसरा, इसे एक अलग राज्य से फिर से रजिस्टर करना (अगर दिल्ली सरकार एनओसी देती है).
क्या है 'स्क्रैपिंग'?
सरकार द्वारा अधिकृत कुछ स्क्रैप डीलर होते हैं जो आपके व्हीकल की स्क्रैपिंग करते हैं. ये प्रोसेस एक तरह से रीसाइक्लिंग होता है. स्क्रैपिंग से पहले, हालांकि, डीलर कार की चेसिस नंबर प्लेट को हटा देता है और फिर उसे उसके मालिक को सौंप देता है. इसके बाद दोनों पक्ष वाहन की स्थिति और उसके भागों की गुणवत्ता के आधार पर पैसों को लेकर बातचीत कर सकते हैं.