देश में पहला ड्रोन स्कूल (First Drone School) खोला गया है. गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में इस ड्रोन स्कूल का उद्घाटन किया है. शिक्षा के क्षेत्र में इस ड्रोन इंडस्ट्री का काफी महत्व माना जा रहा है. उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि इस इंडस्ट्री से कई युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, क्योंकि ये इंडस्ट्री बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है. ड्रोन्स का इस्तेमाल अलग-अलग उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
सीखने और रोजगार के अवसर पैदा होंगे
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी युवाओं के सीखने के लिए नए रास्ते खोलने वाली है. उन्होंने कहा, "राज्य के पहले ड्रोन स्कूल का उद्घाटन ग्वालियर में किया गया है. इस इंडस्ट्री में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि ड्रोन का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है."
इसके बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'ग्वालियर का यह ड्रोन स्कूल न केवल मध्यप्रदेश के युवाओं को तकनीक से जोड़कर आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा. ग्वालियर सहित मध्य प्रदेश की प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा."
भविष्य में होंगी रोजगार की अपार संभावनाएं
दरअसल, ड्रोन टेक्नोलॉजी को भविष्य माना जा रहा है. आने वाले समय में ये हजारों रोजगार के अवसर देगी. और इसीलिए इसके लिए कई नियम और स्कीम्स बनाई जा रही हैं. कुछ समय पहले ही सरकार ने अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (UAS) रूल्स और इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई स्कीम भी लागू की थी.
मंत्रालय के मुताबिक, अगले तीन साल में ड्रोन इंडस्ट्री जमकर इन्वेस्ट किया जाएगा. यह अनुमान करीब 5000 करोड़ रुपए का है, जिससे हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी.
कौन से क्षेत्र में हो सकती हैं नौकरियां पैदा?
यूं तो ड्रोन इंडस्ट्री से हजारों नौकरियां पैदा होंगी, लेकिन इसमें कुछ खास पोजीशन जैसे ड्रोन पायलट, ट्रेनर, ड्रोन पायलट सर्टिफायर्स, ड्रोन असेंबल करने के लिए नौकरियां, ड्रोन प्रॉडकशन में नौकरियां, सॉफ्टवेयर डेवलेपर जैसी हजारों नौकरियां पैदा होंगी. इन सबसे देश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सकेगा.