वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की पेरेंट कंपनी 'मेटा' (META) पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. दरअसल मेटा पर आरोप हैं कि उसने 2021 में वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट के जरिए अनप्रफेशनल तरीकों को अपनाया. हालांकि मेटा अपने ऊपर लगाए गए इन आरोपों से सहमत नहीं है. मेटा पर यह फाइन भारत के कॉम्पिटीशन कमिशन ऑफ इंडिया (CCI) ने लगाया है.
क्यों लगाया गया मेटा पर जुर्माना?
दरअसल यह पूरा मामला 2021 में मेटा की तरफ से वॉट्सऐप की अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर है. जनवरी 2021 में वॉट्सऐप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में यूजर्स को बताया था और उनके सामने वॉट्सऐप को लगातार इस्तेमाल करने के लिए जारी की गई नई शर्तों को मानना जरूरी बताया.
क्या था उन शर्तों में?
शर्तों में मेटा की अन्य कंपनियों के साथ डेटा शेयर करने की बात शामिल थी. साथ ही इस शर्त को मामने के अलावा यूजर्स के सामने कोई दूसरा रास्ता नहीं रखा गया था. मजबूरन यूजर्स ने इस शर्त को माना और और ऐप को अपडेट किया.
अपडेट को लेकर क्या कहना है मेटा का?
मेटा ने अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई में कहा है कि 2021 के अपडेट ने यूजर्स के मैसेज की प्राइवेसी में कोई बदलाव नहीं किया है. साथ ही मेटा का यह भी कहना है कि उसने यूजर्स को एक विकल्प भी दिया था. मेटा ने कहा उस अपडेट से किसी का अकाउंट बंद नहीं हुआ. 2021 के उस अपडेट से केवल वॉट्सऐप में बिजनस अकाउंट वाला फीचर जोड़ा गया. इस अपडेट के बाद वॉट्सऐप, आम यूजर्स और बिजनस यूजर्स के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद हो गया. इसकी मदद से बिजनस अकाउंट को अलग रखा जा सकता था.
मेटा पर जुर्माना लगने के बाद कंपनी के शेयर वैल्यू घट गई है. मेटा के शेयरों में गिरावट के चलते मार्क जुकरबर्ग की नेटवर्थ में भारी गिरावट आई है. अरबपतियों की फेहरिस्ट में वो एक पायदान तक नीचे खिसक गए हैं. मेटा के मार्क जुकरबर्द ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में तीसरे से चौथे नंबर पर पहुंच गए हैं.