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मेटा ने लॉन्च किया वर्चुअल रियलिटी हेडसेट, ट्रैकिंग सेंसर के साथ आएगा क्वेस्ट प्रो

मेटा ने क्वेस्ट प्रो वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट लॉन्च किया है. कहा जा रहा है कि ये हेडसेट पहले वाले क्वेस्ट-2 की तुलना में काफी हल्का और पतला होगा. साथ ही हेडसेट के लिए ये मील का पत्थर साबित होगा.

मेटा ने लॉन्च किया वर्चुअल रियलिटी हेडसेट मेटा ने लॉन्च किया वर्चुअल रियलिटी हेडसेट
हाइलाइट्स
  • अलग है मेटावर्स की दुनिया

  • क्वेस्ट-2 के मुकाबले हल्का औऱ तेज है ये

कहते हैं ना कि दुनिया संभावनाओं से भरी है. जहां कुछ भी संभव है, बशर्ते उसके लिए टेक्नोलॉजी इनोवेशन जरूरी है. आज वो सभी चीजें संभव हैं, जिनकी कल्पना नहीं की जाती थी. आज से पहले क्या कभी किसी ने कल्पना की थी कि हजारों किमी दूर रहकर वीडियो कॉलिंग से आमने-सामने बातचीत की जा सकेगी. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऐसा संभव हो सकता है. आज कोई भी पॉकेट से मोबाइल निकालकर वीडियो कॉल कर सकता है. लेकिन वीडियो कॉलिंग की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं. जो शायद मेटावर्स की दुनिया में खत्म होने जा रही हैं.

मेटा प्लेटफॉर्म ने मंगलवार को अपने ''क्वेस्ट प्रो'' वर्चुअल और ''मिक्स्ड रियलिटी'' हेडसेट लॉन्च किया है. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का दावा है कि ये नए हेडसेट मील का पत्थर साबित होने वाले हैं. मेटावर्स ने अपने मौजूदा हेडसेट ''क्वेस्ट-2'' को तकनीक रूप से अपडेट करके ''क्वेस्ट प्रो'' को तैयार किया है.

क्या है इसकी खासियत?
क्वेस्ट प्रो पहले की तुलना में हल्का और पतला है. इसमें पतले पैनकेक लेंस और हेडसेट के पीछे पावरफुल बैटरी लगाई गई है. इतना ही नहीं नए ''क्वेस्ट प्रो'' में मेटा ने ट्रैकिंग सेंसर भी जोड़े हैं, जो उपयोगकर्ताओं की आंखों की गतिविधियों और चेहरे के भावों को पढ़ सकते हैं. 25 अक्टूबर से इसकी बिक्री शुरू हो जाएगी. इसकी कीमत 1,500 डॉलर रखी गई है.

अलग है मेटावर्स की दुनिया
आपको बतादें कि मेटावर्स से मतलब एक ऐसी दुनिया से है जिसमें आप शारीरिक रूप से न होते हुए भी वहां मौजूद रहते हैं. जुकरबर्ग का दावा है कि इन हेडसेट के इस्तेमाल के दौरान अगर आप मेटावर्स की वर्चुअल दुनिया में खाना खाएंगे, तो आप उस खाने के स्वाद को वास्तव में फील कर सकेंगे.