जैसे-जैसे AI के एडवांस वर्जन आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर क्राइम की दुनिया में एआई पंख देने का काम कर रहा है. एआई का जितना सदुपयोग टेक्नॉलजी को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है उससे ज्यादा इसका दुरुपयोग क्राइम करने के लिए किया जा रहा है.
Chatgpt चैट बोट के आने के बाद साइबर की दुनिया में एक नया मोड़ माना जा रहा था कि चैट GPT आने के बाद काम करने का तरीका बहुत आसान हो जाएगा. आप कुछ भी जो आप सोच रहे हैं उसे चुटकी बजाकर उसे चैट जीपीटी की मदद से कुछ चंद सेकंड में कर सकते हैं. इसी का फायदा उठा रहे हैं साइबर क्राइम की दुनिया के अपराधी.
चीन में एक इंसान ने चैट gpt की मदद से ट्रेन ब्लास्ट की फेक न्यूज फैलाई जिससे चीन में हड़कंप मच गया. चीन में इस फेक न्यूज़ की वजह से लोग रेलवे स्टेशन की तरफ भागने लगे. कुछ लोग पुलिस में फोन करने लगे. पुलिस ने जैसे तैसे सिचुएशन को कंट्रोल किया. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आवाज बदलकर लड़की की आवाज निकालकर एक किडनैपिंग को अंजाम दिया गया. हालांकि बाद में पुलिस ने अपराधी को पकड़ लिया लेकिन जब अपराधी से पूछताछ की गई तो सामने आया कि एआई की मदद से इस पूरी किडनैपिंग को अंजाम दिया गया.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अब क्रिमिनल पुलिस से 4 हाथ आगे बढ़कर काम करने लगे हैं. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज से ज्यादा मिस यूज होने लगा है जो क्रिमिनल पहले छोटे-मोटे क्राइम करते थे अब आर्टिफिशियल की मदद से बहुत ही शातिर अपराध करने में कामयाब हो पा रहे हैं.