मां-बाप अक्सर बच्चे को बिजी रखने के लिए उनके हाथों में फोन दे देते हैं. बच्चे फोन में लगे रहते हैं और उनके माता-पिता अपने काम में. लेकिन ये आप पर भारी पड़ सकता है, क्योंकि बच्चों के हाथ में फोन देना खतरे से खाली नहीं है. केरल में ऐसे ही सोमवार रात एक 8-साल की बच्ची के हाथ में फोन फट गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक, इसका कारण बैटरी का ज्यादा गर्म हो जाना यानी उसका ओवरहीट हो जाना था. हालांकि, फोन फटने का यह पहला मामला नहीं है. समय-समय पर इससे जुड़ी खबरें मिलती रहती हैं. इसलिए जरूरी है कि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए.
क्यों फटता है फोन?
फोन के फटने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन बैटरी इसकी सबसे बड़ी वजह है. मॉडर्न हैंडसेट लिथियम-आयन बैटरी से लैस होते हैं. ये पॉजिटिव और नेगेटिव इलेक्ट्रोड का सटीक संतुलन बनाए रखते हैं और उससे बैटरी आसानी से रिचार्ज हो जाती है. लेकिन जब ये बैलेंस बिगड़ता है तो बैटरी के अंदर दिक्कत आने लगती है. जिसके कारण बैटरी फट सकती है.
बैटरी कैसे खराब होती हैं?
वहीं अगर बैटरी के खराब होने की बात करें तो इसके कई कारण हो सकते हैं. इसकी सबसे आम समस्या अत्यधिक गर्मी है. अगर चार्जिंग बैटरी या ज्यादा काम करने वाला प्रोसेसर बहुत जल्दी गर्म हो जाता है तो फोन का केमिकल मेकअप खराब हो सकता है. थर्मल रनवे नाम के एक चेन रिएक्शन से बैटरी और भी ज्यादा गर्मी पैदा कर सकती है, जिसकी वजह से वह आग पकड़ सकती है या फट सकती है.
ये संकेत दिखें तो मतलब फट सकता है फोन
फोन से आने वाली हिसिंग या पॉपिंग की आवाजों या प्लास्टिक या केमिकल के जलने की गंध के अलावा डिवाइस में विस्फोट होने से पहले कोई विशेष चेतावनी नहीं मिलती. ये संकेत फोन के क्षतिग्रस्त होने की ओर इशारा करते हैं और ठीक से देखभाल न करने पर फट सकता है. उपयोगकर्ता डिवाइस के गर्म होने पर भी ध्यान दे सकते हैं, विशेष रूप से चार्ज करते समय. अगर आपको लग रहा है कि चार्ज करते समय आपका फोन गर्म हो रहा है तो इसे तुरंत अनप्लग करें.
इसके अलावा, अगर बैटरी फूली हुई है, तो ये भी खतरे का संकेत है. साथ ही अपने डिवाइस की शेप में होने वाले बदलावों पर भी नजर रखें जैसे -- बाहर निकली हुई स्क्रीन, एक बड़ा सीम, या एक फैला हुआ चेसिस, अगर फोन एक सपाट जगह नहीं रखा जा रहा है तो ऐसे में उस डिवाइस को इस्तेमाल एकदम बंद कर दें.
क्या आप अपने फोन को फटने से बचा सकते हैं?
अगर ये कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है तो आप इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं. लेकिन अगर ऐसा नहीं है, तो कुछ ऐसे कदम हैं जो आप उठा सकते हैं. आमतौर पर, डिवाइस बनाने वाली कंपनी ऐसे डिफेक्ट आ जाने पर खुद बैटरी का टेस्ट करती है. लेकिन फिर भी कुछ खामियां रह जाती हैं. ऐसे में आप कई तरीकों से खुद को बैटरी के फटने से बचा सकते हैं-
-शारीरिक नुकसान से बचने के लिए फोन केस का उपयोग करें.
-ज्यादा तापमान हो तो उससे फोन को बचाएं.
-फोन को उस जगह चार्ज न करें जहां आप सोते हैं.
-अपने फोन को 30-80 प्रतिशत बैटरी लाइफ के बीच चार्ज करें.
-उसी केबल और चार्जर का इस्तेमाल करें जो कंपनी ने फोन के साथ दिया है.
-बैटरी ज्यादा गर्म हो जाए तो फोन बंद करके साइड रख दें.