आजकल इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ लोगों का रुझान बढ़ रहा है. बाजार में भी ऑटो कंपनियां लगातार इलेक्ट्रिक गाड़ियां और बाइक लॉन्च कर रही हैं. दरअसल, आज के ऑटोमोटिव दौर में, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्रदूषण से निपटने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए एक आशाजनक समाधान की तरह देखा जा रहा है. हालांकि, नई इलेक्ट्रिक कारें काफी महंगी आती हैं. जिसकी वजह से अक्सर लोग उन्हें खरीदने से परहेज करते हैं. लेकिन ईवी बाजार में और भी कई बेहतर रास्ते हैं, जिससे आपको इसे खरीदने में मदद मिल सकती है.
अगर आप नई इलेक्ट्रिक गाड़ी नहीं खरीद पाएं तो?
जो लोग नई ईवी गाड़ी खरीदने में असमर्थ हैं, उनके लिए इस्तेमाल किया हुआ मॉडल खरीदना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. हालांकि, पहले की तुलना में अब ज्यादातर मॉडल बजट के प्रति काफी संवेदनशील हैं. क्योंकि वे चाहते हैं कि खरीदारों की पहुंच उन तक हो सके.
कैसे खरीदें इलेक्ट्रिक व्हीकल?
ईवी की दुनिया में उतरने से पहले या कोई भी इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने से पहल जरूरी है कि आप अच्छी रिसर्च करें और आसपास के जानकारों से बातचीत करें. गाड़ी की सर्विस की जांच करना, उसकी हिस्ट्री देखना, इलेक्ट्रिक पावरट्रेन और बैटरी पैक जैसी जरूरी चीजें देखना, उनकी जांच करना सभी जरूरी है.
नया या पुराना? कौन सा इलेक्ट्रिक वाहन लें?
नए और पुराने इलेक्ट्रिक व्हीकल के बीच पहला अंतर बैटरी पैक की स्थिति है. जबकि अच्छी तरह से अगर उस इलेक्ट्रिक गाड़ी को रखा जाए तो उसे सेकंड हैंड भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बार-बार फास्ट-चार्जिंग या बार-बार गहरे डिस्चार्ज जैसे कारक समय के साथ बैटरी की गिरावट को तेज कर सकते हैं. इससे बैटरी जल्दी खराब हो सकती है.
इस्तेमाल की हुई इलेक्ट्रिक गाड़ी क्यों खरीदें?
इस्तेमाल की गई ईवी खरीदना नई ईवी खरीदने की तुलना में एक लागत प्रभावी विकल्प है. इसमें खरीदार वही गाड़ी काफी कम कीमत पर खरीद सकते हैं. जिससे बजट में रहते हुए ग्राहक इलेक्ट्रिक गाड़ी का ऑप्शन चुन सकते हैं. हालांकि, अच्छी कीमत वाली और अच्छी तरह से रखरखाव वाली ईवी ढूंढना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.
पुराने इलेक्ट्रिक वाहन के फायदे और नुकसान
जहां पुराने इलेक्ट्रिक वाहन को खरीदना लागत प्रभावी हो सकता है. लेकिन इसकी कई कमियां भी हैं. खराब बैटरी, उसके पार्ट्स खरीदारों के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं. पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदते हुए उसका मूल्यांकन करें. ऐसे में अपनी आवश्यकताओं और बजट के हिसाब से ही निर्णय लें.