लोगों की सहूलियत के लिए एयरपोर्ट पर एंट्री को और आसान बनाया जा रहा है. इसी में आगे बढ़ते हुए उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में डिजी यात्रा (Digit Yatra) प्रोजेक्ट के पहले चरण की घोषणा कर दी है. इस प्रजेक्ट के तहत यात्रियों की पहचान फेशियल रिकग्निशन के जरिए की जाएगी. यानी एयरपोर्ट पर चेक-इन करते वक्त इसका इस्तेमाल किया जाएगा. इस सुविधा को 15 अगस्त से बेंगलुरु और वाराणसी एयरपोर्ट पर शुरू किया जाएगा.
बता दें, डिजी यात्रा प्रोजेक्ट के तहत, यात्री की पहचान करने के लिए उसके चेहरे के फीचर्स का इस्तेमाल किया जाएगा. बाद में इसे बोर्डिंग पास से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा ये पूरी तरह से कागज रहित और संपर्क रहित होगा. इसकी मदद से ही यात्री चेकपॉइंट से गुजरेंगे.
क्या है डिजी यात्रा?
दरअसल, डिजी यात्रा एयरपोर्ट पर यात्रियों के संपर्क रहित एंट्री और उनकी सहूलियत के लिए डिज़ाइन की गई एक पहल है. डिजी यात्रा फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) पर आधारित है.
आसान शब्दों में समझें तो इसकी मदद से यात्रा आसानी से एयरपोर्ट पर कागज रहित और संपर्क रहित प्रक्रिया का उपयोग करके चेकपॉइंट से गुजर सकेंगे. उनकी इस फेशियल रिकग्निशन को उनके बोर्डिंग कार्ड से जोड़ा जाएगा.
हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि इससे उनकी पर्सनल डिटेल्स खतरे में आ सकती है. लेकिन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया का दावा है कि इस प्रणाली में लोगों की प्राइवेसी का ख्याल रखा गया है.
'डिजी यात्रा' कैसे फायदेमंद है?
बता दें, यह एक लागत प्रभावी, मोबाइल वॉलेट-आधारित पहचान प्रबंधन तकनीक है. जिसकी डिजी यात्रा को लागू करते समय यात्रियों की गोपनीयता और उनकी डेटा सुरक्षा चिंताओं का ख्याल रखा गया है. डिजी यात्रा के संशोधित नियमों को मंजूरी मिलने के बाद, डीजीसीए ने 18 अप्रैल, 2022 को इससे जुड़ा सर्कुलर जारी किया था.
अगस्त में होगी वाराणसी और बेंगलुरु में लागू
बताते चलें, पहले चरण में, डिजी यात्रा अगस्त 2022 में दो एयरपोर्ट, वाराणसी और बेंगलुरु पर शुरू होगी. वहीं, अगले साल मार्च तक पुणे, विजयवाड़ा, कोलकाता, दिल्ली और हैदराबाद, इन पांच एयरपोर्ट पर शुरू करने की योजना है. इसके बाद एएआई उनके हवाई अड्डों की पहचान करेगा जहां डिजी यात्रा चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी.
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