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Olympic Games and Toyota Mirai: ओलंपिक गेम्स की ऑफिशियल कार पर उठे सवाल, वैज्ञानिक बोले- टोयोटा मिराई नहीं है Eco-friendly

Olympic Games and Toyota Mirai: दुनिया का ज्यादा हाइड्रोजन मीथेन गैस का उपयोग करके बनाया जाता है. ये कहीं न कहीं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. हालांकि हाइड्रोजन कारें कोई टेलपाइप पॉल्यूशन नहीं फैलाती है.

Olympics (Representational image) Olympics (Representational image)
हाइलाइट्स
  • टोयोटा ने ओलंपिक के लिए दी हैं कारें  

  • वैज्ञानिकों को है चिंता 

ओलंपिक गेम्स की ऑफिशियल कार को बदला जा सकता है. कई वैज्ञानिक पेरिस ओलंपिक में एक बड़े बदलाव की बात कह रहे हैं. 120 से ज्यादा वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और इंजीनियरों ने एक खुला पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने आयोजकों से खेलों की आधिकारिक कार के रूप में टोयोटा मिराई का उपयोग बंद करने का आग्रह किया है. 

टोयोटा मिराई क्या है?
टोयोटा मिराई एक हाइड्रोजन-पॉवर्ड कार है. ये दुनिया में अपनी तरह की पहली कार है. जापानी में "मिराई" नाम का मतलब "भविष्य" होता है. ये इसकी एडवांस और नई तकनीक को दिखाती है. दुनिया की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी ने इसे 2014 में लॉन्च किया था. 

इस कार में हाइड्रोजन फ्यूल सेल बैटरी पैक का उपयोग किया जाता है. यह तकनीक बिजली बनाने के लिए हवा से ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन को जोड़ती है, जिससे कार को पावर मिलती है. 

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टोयोटा मिराई के 2024 मॉडल में तीन हाइड्रोजन टैंक हैं. इसे एक बार भरने पर 650 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है. कार में फ्यूल भरने में केवल पांच मिनट लगते हैं, और इसके टेलपाइप से केवल पानी का ही एमिशन होता है. यानी ये पूरी तरह से पर्यावरण के लिए स्वच्छ है. 

टोयोटा ने ओलंपिक के लिए दी हैं कारें  
टोयोटा ने ओलंपिक के लिए अधिकारियों और एथलीटों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए 500 मिराई कारें उपलब्ध कराई हैं. इसके अलावा, कंपनी ने इस आयोजन के लिए 10 हाइड्रोजन ईंधन-सेल कोच और 1,150 इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs) की पेशकश की है. 

वैज्ञानिकों को है चिंता 
मिराई के कई फायदों के बावजूद, वैज्ञानिकों का तर्क है कि इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. उनका मानना है कि ये पर्यावरण के लिए इतनी भी सेफ नहीं है जितना इसे बताया जा रहा है. मुख्य मुद्दों में से एक यह है कि हाइड्रोजन का प्रोडक्शन कैसे किया जाता है. 

वर्तमान में, दुनिया का ज्यादा हाइड्रोजन मीथेन गैस का उपयोग करके बनाया जाता है. ये कहीं न कहीं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. हालांकि हाइड्रोजन कारें कोई टेलपाइप पॉल्यूशन नहीं फैलाती है. इसका मतलब यह है कि मिराई जैसी हाइड्रोजन से चलने वाली कारें बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की तुलना में प्रदूषण में काफी ज्यादा योगदान दे सकती हैं.

लेटर में वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि ग्रीन हाइड्रोजन कारों को समान उपयोग के लिए बैटरी इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में तीन गुना ज्यादा बिजली की जरूरत होती है. इसका मतलब है कि उन्हें तीन गुना ज्यादा रिन्यूएबल एनर्जी की जरूरत होती है.

हाइड्रोजन कारों को बढ़ावा देना है गलत 
वैज्ञानिकों का यह भी तर्क है कि ओलंपिक जैसे हाई-प्रोफाइल आयोजन में हाइड्रोजन कारों को बढ़ावा देना जनता को गुमराह कर सकता है. उनका मानना ​​है कि जलवायु परिवर्तन के समाधान के रूप में हाइड्रोजन कारों की धारणा वैज्ञानिक रूप से ठीक नहीं है. मिराई को ग्रीन व्हीकल के रूप में दिखाकर टोयोटा एक गलत संदेश दे रहा है.