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अमेरिका के बाद भारत में आ रहा है OnetapHELLO, जानें इसके बारें में सब कुछ

वन टैप हैलो असल एक स्टीकर या कार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसकी मदद से आप अपनी कोई भी जानकारी दूसरे को बस स्कैन या टैप करके दे सकते हैं. दरअसल इस कंपनी ने डिजिटल बिजनेस कार्ड और ट्रेंडी टैग जैसे कई एनएफसी आधारित प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं.

अमेरिका के बाद भारत में आ रहा है OnetapHELLO अमेरिका के बाद भारत में आ रहा है OnetapHELLO
हाइलाइट्स
  • पर्यावरण के लिहाज से बेहतर है ये तकनीक

  • डेटा प्राइवेसी का भी रखा गया खास ख्याल

आज के समय में टेक्नोलॉजी धीरे-धीरे बहुत आगे जा रही है. इसी के साथ एक टेक्नोलॉजी ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. इसका नाम है वन टैप हैलो (OnetapHELLO). नॉर्थ अमेरिका में बड़ी सफलता के बाद, अब ये तकनीक भारतीय बाजार में कदम रखने जा रही है. इस तकनीक की मदद से आप अपनी कोई भी जानकारी किसी के साथ भी बस एक टैप में शेयर कर सकते हैं. 

क्या है वन टैप हैलो (OnetapHELLO)?
वन टैप हैलो असल एक स्टीकर या कार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसकी मदद से आप अपनी कोई भी जानकारी दूसरे को बस स्कैन या टैप करके दे सकते हैं. दरअसल इस कंपनी ने डिजिटल बिजनेस कार्ड और ट्रेंडी टैग जैसे कई एनएफसी आधारित प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं, जिसकी मदद से आप दो डिवाइस के बीच अपना पर्सनल डेटा जैसे कि अपनी कांटेक्ट डिटेल, सोशल मीडिया प्रोफाइल, बिजनेस प्रोफाइल, अपनी वेबसाइट, या फिर अपने पेमेंट ऑप्शन का क्यूआर कोड, ये सब कुछ बस एक टैप में शेयर कर सकते है. इस तकनीक को एन एफसी (NFC- Near field Communication) की मदद से तैयार किया गया है. 

जयेश नारानी हैं इसके फाउंडर 
एंटरप्रेन्योर और डेटा गवर्नेंस एक्सपर्ट जयेश नारानी OnetapHELLO के फाउंडर और सीईओ हैं. जयेश बताते हैं कि वो एक ऐसा नेटवर्किंग उपकरण बनाना चाहते थे जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान ना हो. ज्यादातर विजिटिंग कार्ड्स कागज के बने होते हैं, वो कुछ समय बाद वो खराब भी हो जाते हैं जिससे कागज की बर्बादी होती है. इसलिए उन्होंने इसको बनाने का सोचा.

पर्यावरण के लिहाज से बेहतर है ये तकनीक
जयेश ने इस तकनीक को इस दृष्टिकोण से बनाया था कि इसका पर्यावरण पर प्रभाव कम हो. उनका यह विश्वास है कि मुद्रित कार्डों को ज्यादातर जरूरत न होने पर फेंक दिया जाता है, जिससे केवल कागज की बर्बादी होती है, जिसके लिए पेड़ों की अनावश्यक कटाई की जाती है. कागज के बिजनेस कार्डों के उपयोग और विनिमय को समाप्त करके आसान नेटवर्किंग की सुविधा के लिए उन्होंने इस तकनीक को बनाया.

कैसे काम करता है वन टैप हेलो?
ये डिजिटल इनोवेशन है, जो नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) तकनीक का उपयोग करता है, जो आपके स्मार्टफोन को किसी अन्य एनएफसी-सक्षम ओनेटैपहेलो डिवाइस के साथ वायरलेस संपर्क स्थापित करने की अनुमति देता है. ये 4 सेमी या उससे कम की दूरी को कवर करता है. ऐप सभी आईओएस और एंड्रॉयड डिवाइसों के साथ काम करता है जो एनएफसी सुविधाओं के साथ आते हैं. 

डेटा प्राइवेसी का भी रखा गया खास ख्याल
जब डेटा ट्रांसफर की बात आती है तो सबसे पहला सवाल डेटा प्राइवेसी का उठता है. ऐसे में वन टैप हैलो डेटा की गोपनीयता पूरी सुनिश्चित करता है. व्हाट्सएप की तरह इसमें भी 100% एन्क्रिप्शन है. यानी कि आपका डेटा एक कोड में तब्दील हो जाएगा और केवल उसी को दिखेगा, जिसके साथ आप इसे शेयर करना चाहते हैं. 

कहां मिलेगा ये वन टैप हेलो?
वन टैप हेलो के टैग और डिजिटल कार्ड उनकी वेबसाइट और प्रमुख ई-कॉमर्स साइटों और स्टोर से खरीदे जा सकते हैं.