scorecardresearch

PhonePe Success Story: फ्लिपकार्ट के एक्स-एम्पलॉइज ने खोली थी कंपनी, आज भारत की सबसे अमीर फिनटेक है फोन पे

ऑनलाइन पेमेंट और ट्रांजैक्शन सर्विस उपलब्ध कराने वाली फिनटेक कंपनी फोनपे (PhonePe) ने 12 बिलियन डॉलर से ज्यादा की वैल्युएशन पर 350 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है. फोनपे को यह फंडिंग जनरल अटलांटिक से मिली है.

फोन पे फोन पे
हाइलाइट्स
  • तीन फ्लिपकार्ट कर्मचारियों ने मिलकर शुरू की कंपनी

  • फोनपे को मिली 350 मिलियन डॉलर की फंडिंग

ऑनलाइन पेमेंट और ट्रांजैक्शन सर्विस उपलब्ध कराने वाली फिनटेक कंपनी फोनपे (PhonePe) ने 12 बिलियन डॉलर से ज्यादा की वैल्युएशन पर 350 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है. फोनपे को यह फंडिंग जनरल अटलांटिक से मिली है. इस फंडिंग के साथ ही फोनपे अब भारत का सबसे अमीर फिनटेक बन गया है. 19 जनवरी को जारी किए गए बयान में कंपनी ने कहा कि वह मौजूदा समय में किस्तों के तहत 1 अरब डॉलर तक की रकम जुटाएगी. इस मौके पर चलिए आपको फोनपे के सफर के बारे में बताते हैं.

पिछले 6 सालों में फोनपे UPI इंडस्ट्री में मार्केट लीडर बनकर उभरा है. आज मोबाइल रिचार्ज से लेकर रेस्तरां पेमेंट तक में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोनपे को लॉन्च करते वक्त कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि इसकी शुरूआत के वक्त नोटबंदी नहीं हुई थी. ये वो दौर था जब लोग डिजिटल पेमेंट करने से कतराते थे. 

लेकिन 2016 में हुई नोटबंदी इस कंपनी के लिए एक वरदान साबित हुई, हालांकि चुनौतियों का दौर अभी खत्म नहीं हुआ था. कैशलेस ट्रांसजेक्शन बढ़ने पर गूगल-पे और पेटीएम जैसे UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म्स फोन के लिए कॉम्पीटीशन बनकर सामने आए.

तीन फ्लिपकार्ट कर्मचारियों ने मिलकर शुरू की कंपनी
फोनपे की शुरूआत फ्लिपकार्ट छोड़कर आए तीन कर्मचारियों ने मिलकर की थी. 2015 में फोनपे समीर निगम और राहुल चारी ने मिलकर शुरू किया था. उनके साथ कोफाउंडर बुर्जिन इंजीनियर भी थे. 

1. समीर निगम: कंपनी के फाउंडर होने के साथ समीर निगम सीईओ भी हैं. उन्होंने फ्लिपकार्ट के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बतौर सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी काम किया है. उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी की ग्रेजुएशन और द वार्टन स्कूल से MBA किया है.

2. राहुल चारी: राहुल कंपनी के फाउंडर और CTO हैं. इंजीनियर बैंकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाले राहुल ने सन माइक्रोसिस्टम्स से इंटर्नशिप की. इसके अलावा वो सिस्को सिस्टम्स और फ्लिपकार्ट में कई बड़ी पोजिशंस पर रहे हैं.

3. बुर्जिन इंजीनियर: बुर्जिन फोनपे के लिए को-फाउंडर और CRO यानी चीफ रिलायबिलिटी ऑफिसर हैं. बुर्जिन ने भी फ्लिपकार्ट में काम किया है. इसके अलावा बतौर डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग mime360 और शॉपजिला जैसे संस्थानों में सेवाएं दी.
 
फोनपे की शुरूआत करते जा भरते जा टैगलाइन के साथ हुई. इस लाइन ने लोगों को आकर्षित किया और सकारात्मक असर छोड़ा. फोनपे की शुरूआत 2015 में हुई और जब कंपनी ने सफलता की उड़ान भरी तो उसके ठीक एक साल बाद इसे खुद फ्लिपकार्ट ने खरीद लिया. एक रिपोर्ट के मुताबिक फोनपे में फ्लिपकार्ट की 87 फीसदी हिस्सेदारी है. लॉन्चिंग के बाद कंपनी ने ऐप सिर्फ पेमेंट ही नहीं, दूसरी सर्विसेज को भी देना शुरू किया. इसमें फूड, रिचार्ज और ग्रोसरी की खरीदारी का भी विकल्प दिया. धीरे-धीरे इसमें इलेक्ट्रिक बिल्स और गैस बिल्स जैसी यूटिलिटी को शामिल किया गया.