बस कुछ ही क्लिक के साथ अपने आंगन या पृथ्वी के किसी भी हिस्से की सैटेलाइट इमेज ले सकते हैं. बेंगलुरु के स्पेस स्टार्टअप Pixxel की बदौलत यह आने वाले में संभव हो सकेगा. कंपनी ऑरोरा नाम से एक इनोवेटिव ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की योजना बना रही है. उससे यूजर्स एडवांस सैटेलाइट इमेजरी ले सकते हैं.
आसानी से ले सकेंगे स्पेस डेटा
पीटीआई ने Pixxel के सीईओ अवैस अहमद से इसे लेकर बात की. उन्होंने अपने इस स्टार्टअप के नए प्रोजेक्ट के बारे में बताया. उनका लक्ष्य ऑरोरा स्टूडियो के माध्यम से पृथ्वी की हाइपरस्पेक्ट्रल इमेज देनी है. साथ ही आम नागरिक भी आसानी से इसकी मदद से स्पेस बेस्ड डेटा तक पहुंच सकेंगे. अवैस अहमद ने कहा, "हमारा लक्ष्य स्पेस डेटा को केवल सरकारों और बड़े निगमों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए सुलभ और उपयोग योग्य बनाना है."
ऑरोरा इस साल के आखिर में लाइव होने वाला है. ये Google Earth इस्तेमाल करने जितना ही आसान होगा.
अरोरा कैसे काम करता है?
ऑरोरा का इंटरफेस यूजर फ्रेंडली होगा. आप बिना टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट बने इससे सैटेलाइट डेटा को नेविगेट कर सकेंगे और उसका उपयोग कर सकेंगे.
1. डेटाबेस ब्राउज करना: यूजर्स ऑरोरा की लाइब्रेरी में स्टोर इमेज का पता लगा सकते हैं. यह सुविधा शैक्षिक उद्देश्यों, पर्यावरण की निगरानी करने और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के बारे में जानने या उन्हें देखने के लिए मदद करेगी.
2. कस्टम ऑर्डर: इतना ही नहीं बल्कि यूजर जिस जगह की तस्वीर देखना चाहते हैं वे उसे कैप्चर करने के लिए Pixxel की सैटेलाइट के लिए "टास्किंग ऑर्डर" दे सकते हैं. चाहे आप किसी शहर, जंगल या कृषि क्षेत्र का स्नैपशॉट चाहते हों, Pixxel की सैटेलाइट पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए ये नई तस्वीर ले लेगी.
Pixxel की हैं अपनी सैटेलाइट
Pixxel की सैटेलाइट, शकुंतला और आनंद, हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग तकनीक से लैस हैं. हाइपरस्पेक्ट्रल कैमरे 200 से ज्यादा वेवलेंथ का पता लगा सकते हैं. अवैस अहमद ने बताया, "एक नॉर्मल कैमरा केवल पौधे को रखा हुआ ऊपर-ऊपर से दिखा सकता है. लेकिन एक हाइपरस्पेक्ट्रल कैमरा उस पौधे के वाटर लेवल से लेकर उसके इन्फेक्शन को दिखा सकता है.