आजकल ऑनलाइन धोखाधड़ी का खतरा बढ़ता जा रहा है, खासकर वीडियो कॉल स्कैम (Video Call Scam) के रूप में. इस तरह की धोखाधड़ी में फेक वीडियो कॉल के जरिए लोगों को झांसे में फंसाया जाता है. उनकी पहचान चुराई जाती है और वित्तीय (Financial) नुकसान पहुंचाया जाता है. कुल मिलाकर वीडियो कॉल स्कैम के जरिए भोले-भाले लोगों से पैसे ऐंठे जाते हैं.
इसी खतरे को देखते हुए लंदन का एक स्टार्टअप (Startup) Reality Defender खास समाधान लेकर आया है. यह एक ऐसा तकनीकी प्लेटफॉर्म है, जो फेक वीडियो कॉल्स के दौरान तुरंत अलर्ट भेजता है और लोगों को सचेत करता है. आइए समझते हैं कि Reality Defender कैसे काम करता है और क्यों यह लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी साबित हो रहा है.
क्या है Reality Defender?
Reality Defender एक एडवांस्ड तकनीक पर आधारित स्टार्टअप है, जो AI (Artificial Intelligence) और ML (Machine Learning) का उपयोग करके फेक कॉल्स और वीडियो स्कैम का पता लगाता है. इस स्टार्टअप की शुरुआत साल 2021 में की गई थी. रियलिटी डिफेंडर के सह-संस्थापक और सीईओ बेन कोलमैन (Ben Colman) हैं.
इस स्टार्टअप का मुख्य उद्देश्य यूजर को डिजिटल अरेस्ट और अन्य प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड से बचाना है. कंपनी का कहना है कि उनका सॉफ्टवेयर रियलटाइम में फेक वीडियो कॉल्स और स्कैम का पहचान कर तुरंत यूजर को अलर्ट भेजता है, जिससे वे किसी भी प्रकार के फ्रॉड का शिकार होने से बच सकते हैं.
क्या है Deepfakes तकनीक
आज के डिजिटल युग में Deepfakes तकनीक ने बहुत खतरनाक रूप ले लिया है. इसके जरिए कोई भी व्यक्ति किसी की पहचान का गलत इस्तेमाल कर सकता है. फेक वीडियो या ऑडियो तैयार कर किसी के बोलने का अंदाज, चेहरा और आवाज भी बदल सकते हैं. इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल अपराधी खासकर वित्तीय (financial) क्षेत्र में धोखाधड़ी के लिए करने लगे हैं.
कैसे काम करता है Reality Defender?
यह प्लेटफॉर्म एक खास AI तकनीक का उपयोग करता है, जो वीडियो कॉल के दौरान किसी भी तरह के हेरफेर का पता लगाने में सक्षम होता है. इसमें खास तौर पर एल्गोरिदम का उपयोग होता है, जो वीडियो में शामिल हर चीज जैसे चेहरे की पहचान, हावभाव, आवाज और बैकग्राउंड की जांच करता है. Reality Defender अभी तक कई लोगों को वीडियो कॉल स्कैम से बचा चुका है.
1. Fake Detection System: Reality Defender का AI सिस्टम कॉल के दौरान आवाज, चेहरा और अन्य पहचान योग्य चीजों को स्कैन करता है. यदि AI को किसी भी तरह का असामान्य पैटर्न दिखाई देता है, तो वह इसे फेक कॉल मान लेता है.
2. Realtime Alert: जैसे ही Reality Defender को शक होता है कि कॉल फेक है, वह तुरंत यूजर को अलर्ट भेजता है, जिससे यूजर सतर्क हो जाता है और कॉल को काट देता है.
3. Database and Pattern Recognition: Reality Defender के पास एक बड़ा डेटा बेस होता है, जिसमें पिछले के सभी फेक कॉल्स और स्कैम के पैटर्न मौजूद होते हैं. यह नए कॉल्स को उस डेटा के साथ मैच कर किसी भी मिलते-जुलते पैटर्न का पता लगाते ही अलर्ट भेजता है.
4. Risk Assessment: यह किसी भी कॉल को तय मानकों (Evaluates the Authenticity) पर जांचता है फिर उसे कम खतरा, मध्यम खतरा या ज्यादा खतरा वाली श्रेणी (categories) में रखता है.
5. User Privacy Care: यह सॉफ्टवेयर यूजर की प्राइवेसी का ख्याल रखता है. बिना यूजर के अनुमती के किसी भी वीडियो या कॉल को स्टोर नहीं करता. यह केवल रियलटाइम में डेटा को स्कैन करता है.
Reality Defender की खासियत
1. Fast Detection: Reality Defender की तकनीक इतनी तेज है कि यह चंद सेकेंड में ही फेक कॉल्स का पता लगाकर यूजर को सतर्क कर देती है.
2. Easy to Use: इस सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करना बहुत आसान है. इसे स्मार्टफोन, कंप्यूटर और लैपटॉप पर लगाया जा सकता है.
3. Multi-Utility: यह सिर्फ वीडियो कॉल्स ही नहीं बल्कि अन्य ऑनलाइन स्कैम जैसे सोशल मीडिया फेक मैसेज या ऑनलाइन फेक पर्सनालिटी का भी पता लगा सकता है.
4. Security Standards: Reality Defender में उच्च सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है, जिससे यूजर की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है.
5. Customizable System: इस सॉफ्टवेयर में एक कस्टम अलर्ट सिस्टम होता है, जिसमें यूजर अलर्ट सेट कर सकते हैं जैसे कि केवल हाई रिस्क कॉल्स पर अलर्ट या सभी प्रकार के स्कैम पर अलर्ट.
(ये स्टोरी निहारिका ने लिखी है. निहारिका Gnttv.com में बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)