भारतीय रेलवे एक सुपर ऐप लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. इसकी मदद से आपको अपने फोन में ट्रेन से जुड़ी एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल एप्लिकेशन नहीं रखनी पड़ेगी. इस एक सुपर ऐप में आपको अलग-अलग सेवाएं मिलने वाली हैं. इसका उद्देश्य टिकटिंग, ट्रेन ट्रैकिंग और नेशनल ट्रांसपोर्टर द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को एक ऐप में देना है. इसकी पहल से यूजर्स को बेहतर सुविधाएं दी जा सकेंगी. साथ ही लोगों को रेलवे से जुड़े कई ऐप डाउनलोड नहीं करने पड़ेंगे बल्कि इस एक सुपर ऐप से ही काम चल जाएगा.
CRIS बनाएगा ये नया ऐप
रेल मंत्रालय के आईटी सिस्टम के लिए जिम्मेदार सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) इस सुपर ऐप को बनाने का काम कर रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यूजर की प्रतिक्रिया के आधार पर और उनकी जरूरतों को देखते हुए ही ऐसा ऐप लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है. इसकी मदद से कई तरह के मौजूदा एप्लिकेशन को सुपर ऐप में लाया जा सकेगा. इसमें शिकायतों और सुझावों के लिए रेल हेल्प, अनारक्षित ट्रेन टिकटों की बुकिंग के लिए यूटीएस और ट्रेन की स्थिति पर नजर रखने के लिए नेशनल ट्रेन इन्क्वारी सिस्टम शामिल है.
सुपर ऐप में होंगी अलग-अलग सेवाएं
कई दूसरी एप्लिकेशन, जैसे PortRead (रेडियो टैग पढ़ने और लिखने के लिए), सतर्क (इंस्पेक्शन रिपोर्ट के लिए), और TMS-निरीक्षण (जिओ-लोकेशन के हिसाब से सामान ट्रैक करना) भी इसमें शामिल हैं. इसके आलावा, IRCTC रेल कनेक्ट, IRCTC ईकैटरिंग फूड ऑन ट्रैक और IRCTC एयर जैसे पॉपुलर ऐप भी इसमें मिलने वाले हैं. इसका मतलब है कि यात्रियों को अलग से कोई ऐप डाउनलोड नहीं करना पड़ेगा और उनके फोन का स्टोरेज भी नहीं भरेगा.
कितनी लागत में बनेगा ये सुपर ऐप
सुपर ऐप को डिजाइन करने के लिए तीन साल में लगभग 90 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. बता दें, मौजूदा भारतीय रेलवे ऐप्स में, आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट सबसे लोकप्रिय है, जिसे अब तक 10 करोड़ लोग डाउनलोड कर चुके हैं. लोग इसे रिजर्वेशन और रेल टिकट बुकिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं. वहीं 1 करोड़ लोग UTS नाम का ऐप इस्तेमाल करते हैं, इसमें प्लेटफॉर्म टिकट और सीजन पास मिलते हैं.