अमेरिका की सिक्योरिटी फर्म जेडस्केलर की एक रिपोर्ट में चौकान्ने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोबाइल मैलवेयर अटैक सबसे ज्यादा हो रहे हैं. इस मामले में भारत ने अमेरिका और कनाडा जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. मैलवेयर अटैक के 28 फीसदी मामले अकेले भारत में हुए हैं. जेडस्केलर ने भारत में साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है.
सबसे ज्यादा मोबाइल मैलवेयर अटैक भारत में-
सिक्योरिटी फर्म जेडस्केलर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल मैलवेयर अटैक के सबसे ज्यादा मामले भारत में हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कुल मैलवेयर अटैक के 28 फीसदी मामले अकेले भारत में हुए हैं. भारत ने अमेरिका और कनाडा को भी पीछे छोड़ दिया है. अमेरिका में 27.3 फीसदी मामले हुए हैं. जबकि कनाडा में 15.9 फीसदी मोबाइल मैलवेयर अटैक के मामले हुए हैं. भारत इस लिस्ट में पिछले साल तीसरे नंबर पर था.
मोबाइल स्पाइवेयर में 111 फीसदी की बढ़ोतरी-
फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग मैलवेयर अटैक में 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि मोबाइल स्पाइवेयर अटैक में 111 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. स्पाइवेयर मैलवेयर का एक प्रकार है. इससे किसी व्यक्ति की पर्सनल जानकारी चुराई जाती है. मैलवेयर एक सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल या कंप्यटर में किसी की पहचान चुराने के लिए किया जाता है.
जेडस्केलर थ्रेटलैब्ज 2024 मोबाइल, आईओटी एंड ओटी थ्रेट रिपोर्ट में जून 2023 से मई 2024 के बीच खतरे से संबंधित मोबाइल ट्रांजेक्शन और संबंधित साइबर खतरों वाले 20 अरब से अधिक डेटासेट का विश्लेषण किया गया है.
कैसे बैंकिंग कस्टमर्स को बनाया गया निशाना-
रिपोर्ट के मुताबिक एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंकों के मोबाइल कस्टमर्स को निशाना बनाया गया है. मैलवेयर अटैक वास्तविक बैंकिंग वेबसाइट जैसी नकली वेबसाइट का इस्तेमाल करके कस्टमर्स को निशाना बनाया जाता है. इससे पहले फर्जी कार्ड, अपडेट साइट के जरिए एंड्रॉयड-आधारित फिशिंग मैलवेयर फैलाने के लिए किया गया. इससे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई.
सालाना 45 फीसदी की बढ़ोतरी-
रिपोर्ट में इस समस्या को ग्लोबल समस्या बताया गया है. बताया गया है कि गूगल प्ले स्टोर पर 200 से अधिक ऐसे ऐप मिले, जो सिक्योरिटी के लिहाज से खतरनाक थे. आईओटी मैलवेयर लेनदेन में सालान आधार पर 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. एक पॉजिटिव खबर है कि भारत ने मैलवेयर ओरिजिन प्लेस के रूप में सुधार किया है. भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5वें स्थान से 7वें स्थान पर पहुंच गया है.
डिजिटल बदलाव और बढ़ते साइबर खतरों के बीच भारत में साइबर सिक्योरिटी उपायों पर जोर देने की जरूरत है. भारत की रैंकिंग में बड़ा बदलाव आया है. पिछले साल भारत तीसरे नंबर पर था, लेकिन इस बार मोबाइल मैलवेयर अटैक में पहले नंबर पर पहुंच गया है. ऐसे में साइबर सिक्योरिटी को लेकर चिंतित होना लाजिमी है.
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