Italian Institute of Technology के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी रिचार्जेबल बैटरी बनाई है जिसे इंसान खा भी सकता है. ये अपने तरह की दुनिया की पहली बैटरी है. शोधकर्ताओं ने इस बैटरी को बनाने के लिए बादाम, केपर्स और शैवाल का इस्तेमाल किया. ये दिखने में किसी आइसक्रीम की तरह लगती है. ये रिसर्च एडवांस्ड मैटेरियल्स नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है. यह बैटरी biochemical redox reactions से प्रेरित है जो मनुष्यों और अन्य सभी जानवरों की कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पन्न करती है.
खाद्य पदार्थों से बनी है
बैटरी का एनोड विटामिन बी 2 से बना है, जबकि इसका कैथोड क्वेरसेटिन से बना है. दोनों पदार्थ विभिन्न प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं. इलैक्ट्रिक करंट के आने जाने का काम चारकोल करेगा. इलेक्ट्रोलाइट वॉटर बेस्ड है जबकि शार्ट सर्किट से बचाने के लिए सेपरेटर के तौर नोरी सीवीड का इस्तेमाल हुआ है. ये सीवीड नोरी समुद्री शैवाल है. एनोड और कैथोड पर मोम की कोटिंग की गई है. इलैक्ट्रॉड्स पर शहद के छत्तों से मिलने वाले मोम का इस्तेमाल हुआ है.
WATCH: The world’s first edible and rechargeable battery made by the scientists at the Italian Institute of Technology, can power a small LED or other miniature electronic devices pic.twitter.com/WwFXZkLE79
— Reuters (@Reuters) April 17, 2023
12 मिनट तक चलती है बैटरी
एक बार पूरी तरह से चार्ज होने के बाद 0.65 वोल्ट की ये बैटरी 12 मिनट तक करंट देने में सक्षम है. इसमें वोल्टेज इतना कम होता है कि मानव शरीर के अंदर कोई समस्या पैदा नहीं करता. सुरक्षा के लिहाज से भी ये बैटरी बेहतर है क्योंकि इसका इस्तेमाल बच्चों के खिलौनों में किया जा सकता है. इस बैटरी से हमारे खाने की क्वालिटी पर तो निगरानी होगी ही साथ में रोगों का निदान और उपचार भी हो सकेगा.